उडुपी/दक्षिण भारत। कर्नाटक सरकार ने पर्यटन नीति 2024-29 को मंजूरी दे दी है, जिसमें आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 1,349 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। राज्य सरकार की मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने शुक्रवार को यह घोषणा की।
यहां 'कर्नाटक राज्योत्सव' समारोह को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ने उन्नत सेवाओं और सुविधाओं के जरिए कर्नाटक को वैश्विक पर्यटन केंद्र में बदलने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
कर्नाटक के निवेश संबंधी आकर्षण पर प्रकाश डालते हुए हेब्बालकर ने कहा कि निवेश प्रवाह में बेंगलूरु देश में अग्रणी बना हुआ है, जिसका श्रेय सरकार के रणनीतिक प्रयासों को जाता है।
उन्होंने कहा कि युवा कौशल विकास कार्यक्रमों ने स्थानीय प्रतिभाओं को विभिन्न उद्योगों में प्रभावी योगदान देने के लिए सक्षम बनाया है, जिससे आर्थिक विकास और निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
कन्नड़ भाषा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए हेब्बालकर ने जनता से कन्नड़ साहित्य और संस्कृति के साथ अधिक गहराई से जुड़ने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, 'हम कन्नड़ को प्राथमिक प्रशासनिक भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। साहित्य, लोक कला, पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने वाले कार्यक्रम हमारे मिशन का केंद्र हैं।'
हेब्बलकर ने सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण के लिए सरकार के व्यापक दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, 'हमारी पांच गारंटी योजनाएं लोगों को सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में अधिक स्वायत्तता देने के लिए बनाई गई हैं।'
उन्होंने 'ओधु कर्नाटक' कार्यक्रम के तहत 14.2 करोड़ रुपए के अनुदान की घोषणा की, जिसका मकसद कक्षा 4 और 5 में सरकारी स्कूल के छात्रों के बीच साक्षरता में सुधार करना है। योजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अध्ययन सामग्री और शिक्षक प्रशिक्षण लागू किया गया है।