वैश्विक सौर निवेश इस साल 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचेगा: प्रह्लाद जोशी

दुनियाभर में सौर ऊर्जा की लागत भी कम हो रही है

Photo: pralhadvjoshi FB Page

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को कहा कि वैश्विक सौर निवेश साल 2023 में 393 अरब डॉलर के स्तर से बढ़कर इस साल 500 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि यह कई क्षेत्रों में कोयला और गैस से आगे निकलकर सबसे किफायती ऊर्जा स्रोत है।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री जोशी ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 7वीं आम सभा के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि इन निवेशों से न केवल नई क्षमता जुड़ रही है, बल्कि दुनियाभर में सौर ऊर्जा की लागत भी कम हो रही है।

जोशी, जो आईएसए के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा, 'यह तीव्र वृद्धि रिकॉर्ड-तोड़ निवेशों से प्रेरित है। वैश्विक सौर निवेश 2018 में 144 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2023 में 393 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है और 2024 के अंत तक 500 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।'

उन्होंने कहा कि आज सौर ऊर्जा कई क्षेत्रों में कोयले और गैस से आगे निकलकर बिजली का सबसे किफायती स्रोत बन गई है।

उन्होंने यह भी बताया कि आईएसए 'टुवार्ड्स 1000' रणनीति द्वारा निर्देशित है, जिसका लक्ष्य साल 2030 तक सौर ऊर्जा समाधानों में 1,000 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना है।

उन्होंने कहा, 'यह हमारी रणनीति है: 1000 मिलियन लोगों तक ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करना; 1000 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता की स्थापना करना; तथा प्रति वर्ष 1000 मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाना।'

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य निर्धारित किए हैं और उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।

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