लाहौर/दक्षिण भारत। पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक विचित्र मामला सामने आया है। यहां एक युवक का अपहरण कर 2 करोड़ रु. की फिरौती मांगी गई। बाद में खुलासा हुआ कि जिन छह लोगों ने अपहरण किया, वे सभी पुलिसकर्मी थे!
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ग्रीन टाउन पुलिस ने जांच शाखा के प्रभारी सहित अपने छह अधिकारियों के खिलाफ एक युवक का अपहरण करने, उसे फर्जी मामले में फंसाने और उसकी रिहाई के लिए दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगने का मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने तब कार्रवाई की, जब लाहौर के पुलिस प्रमुख बिलाल सिद्दीकी काम्याना ने पीड़ित अदनान की मां नजीरन बीबी की शिकायत पर घटना का संज्ञान लिया, जिन्होंने पुलिस की बर्बरता के एक भयावह कांड का खुलासा किया।
अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि उनके बेटे अदनान और ग्रीन टाउन पुलिस स्टेशन के एक सहायक उपनिरीक्षक के बीच किसी मुद्दे को लेकर कहासुनी हो गई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी ने उनके बेटे के खिलाफ रंजिश रखी और ग्रीन टाउन पुलिस स्टेशन के जांच प्रभारी रेहान बट, एसआई गौहर और कांस्टेबल इमरान के साथ मिलीभगत करके उसे एक मनगढ़ंत मामले में फंसा दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने उनके बेटे को कॉलेज रोड से उठाया और बाद में उसे गंभीर यातनाएं दीं। नजीरन बीबी ने बताया कि आरोपी पुलिसकर्मियों ने उनकी भी पिटाई की थी।
उन्होंने बताया कि बाद में वे उसके बेटे को घर ले आए, संपत्ति की लूटपाट की और उसके बेटे के जरूरी दस्तावेजों के अलावा 140,000 रुपए नकद, एक मोटरसाइकिल, एक मोबाइल फोन और अन्य कीमती सामान लूट लिया।
उन्होंने बताया कि अगले दिन एएसआई राणा आसिफ और एक कांस्टेबल ने फिर से उनके घर में जबरन घुसकर बेटे की रिहाई के लिए 2 करोड़ रुपए मांगे और धमकी दी कि अगर रकम नहीं दी गई तो वे उसे जान से मार देंगे। उन्होंने दावा किया कि अपने बेटों को बचाने के लिए परिवार की कार को औने-पौने दामों पर बेच दी और अपने भतीजे जुनैद के जरिए पुलिसकर्मियों को 35 लाख रुपए दिए।