निजी निवेश और व्यापक उपभोग का 'डबल इंजन' पटरी से उतर गया: कांग्रेस

जयराम रमेश ने सरकार से आग्रह किया कि वह कांग्रेस के प्रस्तावों को स्वीकार करे

Photo: IndianNationalCongress FB Page

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि आय में लगातार स्थिरता के कारण भारत 'मांग संकट' का सामना कर रहा है। उसने कहा कि निजी निवेश और व्यापक उपभोग का 'डबल इंजन' जिसने संप्रग के दशक में निरंतर जीडीपी वृद्धि को गति दी थी, मोदी सरकार के पिछले दस वर्षों में 'पटरी से उतर गया' है।

कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने सरकार से आग्रह किया कि वह कांग्रेस के प्रस्तावों को स्वीकार करे, जिसमें मनरेगा मजदूरी को बढ़ाकर न्यूनतम 400 रुपए प्रतिदिन करना, एमएसपी की गारंटी देना और किसानों के लिए ऋण माफी, तथा महिलाओं के लिए मासिक आय सहायता योजना शामिल हैं, ताकि ग्रामीण भारत में आय वृद्धि को गति मिल सके।

उन्होंने कहा कि हर बीतते दिन के साथ भारत की घटती उपभोग की कहानी की त्रासदी ज्यादा स्पष्ट होती जा रही है।

उन्होंने एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह, इंडिया इंक के कई सीईओ ने ‘सिकुड़ते’ मध्यम वर्ग पर चिंता जताई थी और अब, नाबार्ड के अखिल भारतीय ग्रामीण वित्तीय समावेशन सर्वेक्षण (एनएएफआईएस) 2021-22 के नए आंकड़े इस बात का सबूत देते हैं कि भारत का मांग संकट निरंतर आय ठहराव का परिणाम है।

सर्वेक्षण के आंकड़ों से मुख्य निष्कर्ष निकालते हुए रमेश ने कहा कि भारतीयों की औसत मासिक घरेलू आय कृषि परिवारों के लिए 12,698 रुपए से 13,661 रुपए तथा गैर-कृषि परिवारों के लिए 11,438 रुपए है।

रमेश ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, 'यह मानते हुए कि औसत परिवार का आकार 4.4 है, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति आय अनुमानतः 2,886 रुपए प्रति माह है, जो कि प्रतिदिन 100 रुपए से भी कम है। इसलिए अधिकांश भारतीयों के पास बुनियादी आवश्यकताओं के अलावा विवेकाधीन उपभोग के लिए बहुत कम पैसा है।'

उन्होंने दावा किया, 'यह कोई अपवाद नहीं है। लगभग हर साक्ष्य इसी निष्कर्ष की ओर इशारा करता है कि औसत भारतीय आज 10 साल पहले की तुलना में कम खरीद सकता है। भारत में उपभोग में मंदी का मूल कारण यही है।'

About The Author: News Desk