चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को केंद्र से आग्रह किया कि वह पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के तहत नई शर्तें न लगाए, क्योंकि इससे योजना पर असर पड़ेगा।
राज्य के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने कहा, 'इसके अलावा, यदि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो जाते हैं तो तमिलनाडु सरकार के साथ सहमति से लक्ष्यों को अंतिम रूप दिया जा सकता है, ताकि वे व्यावहारिक और प्राप्त करने योग्य हों।'
बता दें कि इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य छतों पर सौर पैनल लगाने की लागत में सब्सिडी देकर पूरे भारत में घरों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है।
यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि बालाजी ने आरईसी और पीएफसी (पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना के लिए नोडल एजेंसियां) से अनुरोध किया कि वे राज्य विद्युत उपयोगिताओं के वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन में सुधार के लिए तमिलनाडु द्वारा दिखाई गई प्रतिबद्धता को देखते हुए ब्याज दर को घटाकर 8 प्रतिशत करने पर विचार करें।
उन्होंने विद्युत मंत्रालय को प्रस्तुत प्रणाली आधुनिकीकरण के लिए 3,246 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया, जिसमें नए सबस्टेशनों की स्थापना और विस्तार कार्य शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि अपतटीय पवन चक्कियों से उत्पादित बिजली केंद्रीय कनेक्टिविटी के बजाय राज्य कनेक्टिविटी के माध्यम से तमिलनाडु को दी जा सकती है।