बेंगलूरु/दक्षिण भारत। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने दूसरी तिमाही के मुनाफे में 22.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है। इसमें रक्षा मंत्रालय की ओर से इसके विमानों की मांग ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सरकारी स्वामित्व वाली इस लड़ाकू जेट निर्माता और रखरखाव कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में बढ़कर 1,510 करोड़ रुपए हो गया। एक साल पहले यह 1,237 करोड़ रुपए था।
एचएएल को आलोच्य तिमाही के दौरान वायुसेना के लिए 26,000 करोड़ रुपए का इंजन विनिर्माण कॉन्ट्रैक्ट मिला था।
विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्व में वृद्धि विनिर्माण ऑर्डर बुक के लगातार निष्पादन और रिप्लेसमेंट एवं पुर्जों की मांग में बढ़ोतरी की वजह से हुई है।
आंकड़ों के अनुसार, एचएएल का परिचालन राजस्व आलोच्य तिमाही में पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत बढ़कर 5,976 करोड़ रुपए हो गया, जबकि इसका कुल व्यय 1.3 प्रतिशत बढ़ा है। इन नतीजों के बाद एचएएल के शेयरों में 2.2 प्रतिशत की तेजी देखी गई है।