वॉशिंगटन डीसी/दक्षिण भारत। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'चेतावनी' दी है कि यदि उनके पदभार ग्रहण करने से पहले हमास ने अपने शेष इजराइली बंधकों को रिहा नहीं किया तो मध्य पूर्व में उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
ट्रंप ने अपने शपथग्रहण से पहले फिलिस्तीनी आतंकवादियों पर अपने संघर्ष को समाप्त करने का दबाव डाला है।
बता दें कि पिछले अक्टूबर में हमास आतंकवादियों ने इजराइल पर हमले के दौरान 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था।
हालांकि अगले महीने एक अल्पकालिक युद्धविराम के दौरान 105 लोगों को रिहा कर दिया गया था। माना जा रहा है कि लगभग 100 लोग गाजा में ही रह गए हैं, और हमास उनकी रिहाई को इस शर्त से जोड़ना चाहता है कि इजरायल इस क्षेत्र से वापस लौट जाए। इसे मानने से इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इन्कार कर दिया है।
ट्रंप ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, 'हर कोई उन बंधकों के बारे में बात कर रहा है, जिन्हें मध्य पूर्व में इतनी हिंसक, अमानवीय और पूरी दुनिया की इच्छा के विरुद्ध रखा जा रहा है।'
इसके बाद नए राष्ट्रपति ने घोषणा की कि 'यदि बंधकों को 20 जनवरी, 2025 से पहले रिहा नहीं किया गया, जिस दिन मैं गर्व के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करूंगा, तो मध्य पूर्व में बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, तथा उन लोगों को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी जिन्होंने मानवता के विरुद्ध इन अत्याचारों को अंजाम दिया है।'
उन्होंने कहा, 'जिम्मेदार लोगों पर अमेरिका के लंबे इतिहास में किसी भी व्यक्ति से अधिक कठोर प्रहार किया जाएगा।'
ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में वापसी पर कई वैश्विक संकटों को सुलझाने का वादा किया है, जिनमें सबसे खास रूस-यूक्रेन युद्ध है। हालांकि उन्होंने इस बारे में कुछ खास जानकारी नहीं दी है कि वे यह कैसे करेंगे, लेकिन उन्होंने पहले हिंसा या आर्थिक दंड की धमकियों के साथ विदेशी शक्तियों को बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर किया था।