शिवकुमार स्वामीजी की प्रतिमा खंडित किए जाने की चौतरफा हुई निंदा

आर्कबिशप डॉ. पीटर मचाडो ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है

फोटो: सोशल मीडिया से

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बेंगलूरु में गुरुवार देर रात एक व्यक्ति ने लिंगायत समुदाय के संत शिवकुमार स्वामीजी की प्रतिमा को खंडित कर दिया। घटना दीपांजलि नगर वार्ड में वीरभद्रनगर बस स्टैंड के पास हुई थी।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आरोपी ने कथित तौर पर दावा किया है कि उसके सपने में ईसा मसीह आए थे, जिसके बाद उसने ऐसा कृत्य किया।

घटना से लोगों में गहरा आक्रोश है। उन्होंने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। घटना के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, पुलिस ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मामले में उचित कार्रवाई होगी।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विजयेंद्र येडीयुरप्पा ने घटना की निंदा की है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा, 'श्रद्धेय शिवकुमार महास्वामीजी की प्रतिमा का एक शरारती व्यक्ति द्वारा अपमान किया जाना अक्षम्य अपराध है। उपद्रवी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के अलावा, इस कृत्य के पीछे निहित स्वार्थी तत्त्वों की संलिप्तता की भी गहन जांच की जानी चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह सभी एहतियाती कदम उठाए, ताकि भविष्य में इस तरह के जघन्य कृत्य न हों।'

बेंगलूरु के आर्कबिशप डॉ. पीटर मचाडो ने उक्त घटना की निंदा करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। 

उन्होंने प्रतिमा को नुकसान पहुंचाए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसे ऐसा कृत्य बताया, जिसका हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिवकुमार स्वामीजी शांति, करुणा और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रतीक के रूप में पूजनीय हैं और कई लोगों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। 

आर्कबिशप ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह न केवल एक आदरणीय व्यक्तित्व पर हमला है, बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव को आधार देने वाले सिद्धांतों का भी उल्लंघन है। उन्होंने कहा, 'इस कृत्य ने लोगों को नाराज किया है।'

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