भारतीय एयरोस्पेस मेडिसिन सोसायटी के 63वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन हुआ

रक्षा बलों में 'आत्मनिर्भरता' हासिल करने में सहयोग के महत्त्व पर जोर दिया

हाई एल्टीट्यूड फिजियोलॉजी जैसे विषयों पर वैज्ञानिक विचार-विमर्श किया गया

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। वायुसेना उप-प्रमुख एयर मार्शल एसपी धारकर ने गुरुवार को बेंगलूरु में एयरोस्पेस मेडिसिन संस्थान (आईएएम) में भारतीय एयरोस्पेस मेडिसिन सोसायटी (आईएसएएम) के 63वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का विषय 'अनुसंधान के लिए सहयोग' है।

वायुसेना उप-प्रमुख ने अपने उद्घाटन भाषण में रक्षा बलों में 'आत्मनिर्भरता' हासिल करने में सहयोग के महत्त्व पर जोर दिया। उन्होंने एयरोस्पेस मेडिसिन में युवा अकादमिक उपलब्धि हासिल करने वालों को भी सम्मानित किया। एयर मार्शल राजेश वैद्य ने वायुसेना में चिकित्सा सेवाओं की विभिन्न सहयोगी उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए अध्यक्षीय भाषण दिया।

एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी स्मारक व्याख्यान, आईआईटी मद्रास की एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग की प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस और इसरो के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम निदेशालय (डीएचएसपी) की पूर्व निदेशक डॉ. वीआर ललिताम्बिका ने दिया।

'अगली बड़ी छलांग: भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम पर मेरे विचार' विषय पर बोलते हुए, उन्होंने प्रतिनिधियों को अंतरिक्ष क्षेत्र से परिचित कराया। साथ ही उन्हें मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में देश के अग्रणी कदमों के बारे में बताया।

डॉ. नरेश त्रेहान, विंग कमांडर राकेश शर्मा (सेवानिवृत्त) और सैयद किरमानी ने सम्मेलन के पूर्व संस्करणों में प्रतिष्ठित व्याख्यान दिए। एयर वाइस मार्शल एमएम श्रीनागेश मेमोरियल व्याख्यान विंग कमांडर कार्तिक कल्याणराम (सेवानिवृत्त) द्वारा ऋषि वैली ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र से दिया गया।

सम्मेलन में विमानन चिकित्सा, अंतरिक्ष फिजियोलॉजी एवं चिकित्सा तथा हाई एल्टीट्यूड फिजियोलॉजी जैसे विविध विषयों पर वैज्ञानिक विचार-विमर्श किया गया।

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