पूरी दुनिया भ्रष्टाचार की गिरफ़्त में

भ्रष्टाचार सेतात्पर्य अनैतिक और गलत तरीके से अर्जित आय से है

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बाल मुकुन्द ओझा
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भ्रष्टाचार के खिलाफ दुनिया को एकजुट करने के लिए ९ दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया जाता है| संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी| अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस २०२४ की थीम है भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के साथ एकजुट होना कल की ईमानदारी को आकार देना| संयुक्त राष्ट्र का कहना है, भ्रष्टाचार का मुक़ाबला करने की ख़ातिर वैश्विक प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए दुनिया भर के देशों को मिलकर काम करने की ज़रूरत है| एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में रिश्वत की वार्षिक मात्रा एक ट्रिलियन डॉलर आँकी गई है| भ्रष्टाचार के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को २.६ ट्रिलियन डॉलर का नुक़सान होता है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के पॉंच प्रतिशत से अधिक है|

संयुक्त राष्ट्र द्वारा लोगों में जन जागरण और चेतना जगाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक दिवसों का आयोजन किया जाता है| यह जगजाहिर और अकाट्य सत्य है कि दुनियाभर में भ्रष्टाचार की वजह से न केवल आर्थिक विकास पर असर पड़ता है बल्कि लोकतंत्र के प्रति विश्वास को भी ठेस पहुँचती है| विश्व का कोई भी देश भ्रष्टाचार से सुरक्षित नहीं है| भ्रष्टाचार ने पूरी  दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले रखा है| भ्रष्टाचार आर्थिक विकास में बाधक है, लोकतंत्र के प्रति विश्वास को नुकसान पहुँचाता है और रिश्वत की संस्कृति को बढ़ावा देता है| भ्रष्टाचार से सामाजिक असामानता फैलती है| हर साल ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल जैसी वैश्विक संस्था अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग भी जारी करता है जिसमें भ्रष्टतम देश शामिल किये जाते है| मगर लाख प्रयासों के बाद भी भ्रष्टाचार पर कोई प्रभावी अंकुश नहीं लगाया जा सका| यह हमारे सिस्टम का फेलियोर है या सत्ताधीशों का, इस पर गहन चिंतन और मनन की जरुरत है| संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक भ्रष्टाचार एक गंभीर अपराध है जो सभी समाजों में सामाजिक और आर्थिक विकास को कमजोर करता है| वर्तमान में भ्रष्टाचार से कोई देश, क्षेत्र या समुदाय बचा नहीं है| यह आग की तरह दुनिया के सभी हिस्सों में फैल गया है| इससे लोकतान्त्रिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है|भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्ट आचरण यानि जिसका आचार बिगड़ गया हो|  स्वार्थ में लिप्त होकर किया गया गलत कार्य भ्रष्टाचार होता है| भ्रष्टाचार के कई रूप हैं- रिश्वत, कमीशन लेना, काला बाजारी, मुनाफाखोरी, मिलावट, कर्तव्य से भागना, चोर-अपराधियों आतंकियों को सहयोग करना आदि आदि| इसका सीधा मतलब है जब कोई व्यक्ति समाज द्वारा स्थापित नैतिकता के आचरण का उल्लंघन करता है तो वह भ्रष्टाचारी कहलाता है| यहां भ्रष्टाचार से हमारा तात्पर्य अनैतिक और गलत तरीके से अर्जित आय से है|

भारत में भ्रष्टाचार ने लगता है संस्थागत रूप धारण कर लिया है| भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलेआम यह कहा है की वे न तो खाएंगे और न खाने देंगे| मोदी अपनी बात पर कायम रहे मगर भ्रष्टाचार पर काबू नहीं पाया जा सका है| दुनिया के भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के द इंडिया करप्शन सर्वे २०२३ के भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में भारत १८० देशों में ९३ वें स्थान पर रहा| इससे पहले साल २०२२ में भारत की रैंकिंग ८५ थी, जो इस साल बढ़कर ९३ हो गई है| दुनिया में सबसे भ्रष्ट देश सोमालिया है जबकि सबसे कम भ्रष्ट डेनमार्क है, जो लगातार छठे साल भी ग्लोबल करप्शन इंडेक्स में टॉप परहै|

१४० करोड़ की आबादी का आधा भारत आज रिश्वतखोरी के मकड़जाल में फंसा हुआ है|  स्थिति यह हो गई है की बिना रिश्वत दिए आप एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकते| हमारे देश में भ्रष्टाचार इस हद तक फैल चुका है कि इसने समाज की बुनियाद को हिला कर रख दिया है| जब तक मुट्ठी गर्म न की जाए तब तक कोई काम ही नहीं होता| छउठइ और लोकल सर्कल इंडिया करप्शन सर्वे रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि लोगों को सबसे ज्यादा घूस जमीन से जुड़े मामलों में देनी पड़ रही है| इसके बाद दूसरे सबसे भ्रष्ट महकमों में पुलिस शामिल है| भ्रष्टाचार एक संचारी  बीमारी  की भांति इतनी तेजी से फैल रहा है कि लोगों को अपना भविष्य अंधकार से भरा नजर आने लगा है और कहीं कोई भ्रष्टाचार मुक्त समाज की उम्मीद नजर नहीं आरही है| मंत्री से लेकर संतरी और नेताओं तक पर भ्रस्टाचार के दलदल में फंसे है| भ्रष्टाचार हमारे सामाजिक, आर्थिक और नैतिक जीवन मूल्यों पर सबसे बड़ा प्रहार है| भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कठोर कानून और  दंड-व्यवस्था की जानी चाहिए्| जब तक समाज एकजुट होकर भ्रष्टाचार पर हमला नहीं करेगा तब तक इस बीमारी को जड़मूल से समाप्त नहीं किया जा सकता|

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