मुरुदेश्वर बीच पर 4 छात्राएं डूबीं, सिद्दरामय्या ने अनुग्रह राशि की घोषणा की

समुद्र में लहरें उठ रही थीं और लड़कियां पानी की धारा में बह गईं

Photo: Siddaramaiah.Official FB Page

कारवार/दक्षिण भारत। उत्तर कन्नड़ जिले के मुरुदेश्वर में एक आवासीय विद्यालय की नौवीं कक्षा की चार छात्राएं शैक्षणिक दौरे के दौरान समुद्र में डूब गईं। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

कोलार जिले के मुलाबागिलु स्थित मोरारजी देसाई आवासीय विद्यालय के 46 विद्यार्थियों और छह शिक्षकों का एक समूह मंगलवार को स्कूल यात्रा के तहत मुरुदेश्वर आया था।

पुलिस के अनुसार शाम करीब साढ़े पांच बजे शिक्षक और विद्यार्थी समुद्र तट पर गए थे।

लाइफगार्ड की चेतावनी के बावजूद सात छात्राएं समुद्र में उतर गईं। समुद्र में लहरें उठ रही थीं और तीन लड़कियां पानी की धारा में बह गईं, जबकि एक अन्य लड़की की मौके पर ही मौत हो गई।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाकी तीन छात्राओं को लाइफगार्ड और अन्य एजेंसियों की मदद से बचा लिया गया। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया और अब वे खतरे से बाहर बताई जा रही हैं।

लाइफगार्ड, होमगार्ड, मछुआरों और पुलिस के सहयोग से चलाए गए तलाशी अभियान में बुधवार सुबह तीनों लड़कियों के शव बरामद किए गए, जिनके डूबने की आशंका थी।

उत्तर कन्नड़ के पुलिस अधीक्षक नारायण एम ने कहा, 'हमने भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और घटना के संबंध में सभी छह शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया है।'

उन्होंने बताया कि बाद में शिक्षकों को थाने से जमानत पर रिहा कर दिया गया।

मृतक लड़कियों की उम्र लगभग 15 साल है। उनकी पहचान श्रावंती, दीक्षा, लावण्या और लिपिका के रूप में हुई है। पुलिस ने पुष्टि की है कि पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है और शवों को उनके गृहनगर भेजने की व्यवस्था की जा रही है।

शोक संतप्त अभिभावकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने मृतक छात्राओं के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, 'हादसे में जान गंवाने वाली चार छात्राओं के परिवारों को राज्य सरकार की ओर से पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। मैंने उत्तर कन्नड़ जिले के उपायुक्त से बात की है और शवों को उनके गृहनगर पहुंचाने की व्यवस्था करने के लिए कहा है।'

मुख्यमंत्री ने शिक्षकों द्वारा ट्रिप्स के दौरान अधिक सावधानी बरतने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'खतरनाक स्थानों पर जाते समय बच्चों की निगरानी की जानी चाहिए। मैं उन माता-पिता का दर्द समझता हूं, जिन्होंने अपने बच्चों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि ऐसी घटनाएं फिर कभी न हों।'

About The Author: News Desk