बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बेंगलूरु के चर्चित अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में उसके परिवार ने इन्साफ की मांग की है। परिजन ने अतुल को परेशान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि उसकी आत्मा को शांति मिल सके।
पुलिस ने बताया कि अतुल सुभाष का शव बेंगलूरु के मंजूनाथ लेआउट क्षेत्र में उसके आवास पर लटका हुआ पाया गया था। उसने 24 पृष्ठों का एक कथित आखिरी नोट छोड़ा था, जिसमें अपनी पत्नी और रिश्तेदारों तथा उत्तर प्रदेश की एक न्यायाधीश द्वारा वर्षों से दिए जा रहे भावनात्मक तनाव और उत्पीड़न तथा अपने खिलाफ दर्ज किए गए कई मामलों का विस्तृत विवरण दिया था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अतुल सुभाष की मौत के बाद उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा, पिता अनुराग और चाचा सुशील के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच, मामले की जांच कर रही पुलिस टीम उत्तर प्रदेश गई। जांच के तहत टीम मृतक की पत्नी और उसके परिवार के सदस्यों से पूछताछ करेगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हम सभी आरोपों की जांच कर रहे हैं और मामले की सभी कोणों से जांच की जा रही है।'
सुभाष के भाई विकास ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि मेरे भाई को न्याय मिले। मैं चाहता हूं कि इस देश में ऐसी कानूनी प्रक्रिया हो जिसके ज़रिए पुरुषों को भी न्याय मिल सके। मैं चाहता हूं कि कानूनी कुर्सी पर बैठे और भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई हो, क्योंकि अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोग न्याय की उम्मीद कैसे कर पाएंगे।'
उन्होंने व्यवस्था में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि न्याय तभी संभव है, जब व्यवस्था भ्रष्टाचार मुक्त हो। जब सभी पक्षों की बात समान रूप से सुनी जाए और तथ्यों के आधार पर दलीलें दी जाएं।
उन्होंने आरोप लगाया, 'न्याय की उम्मीद तभी की जा सकती है जब निर्णय तथ्यों के आधार पर किए जाएं और यदि ऐसा नहीं होता है तो लोगों का धीरे-धीरे न्यायिक प्रणाली पर से विश्वास उठना शुरू हो जाएगा। इससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है कि लोग शादी करने से डरने लगेंगे। पुरुषों को लगने लगेगा कि यदि उन्होंने शादी कर ली तो वे केवल पैसे निकालने वाले एटीएम बनकर रह जाएंगे।'