घुसपैठियों की पहचान के लिए एनआरसी जैसे दस्तावेज की जरूरत: हिमंत बिस्वा सरमा

उन्होंने कहा कि यदि आवेदक का नाम एनआरसी में नहीं है तो उसे आधार कार्ड नहीं मिलेगा

Photo: himantabiswasarma FB Page

भुवनेश्वर/दक्षिण भारत। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को पुरी में कहा कि भारतीयों और घुसपैठियों को अलग करने के लिए एनआरसी जैसा दस्तावेज तैयार करने की जरूरत है।

पुरी में जगन्नाथ मंदिर के दर्शन के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सरमा ने कहा कि असम सरकार ने बुधवार को फैसला किया है कि आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति को अपना नाम एनआरसी में पंजीकृत कराना होगा।

उन्होंने कहा कि यदि आवेदक का नाम एनआरसी में नहीं है तो उसे आधार कार्ड नहीं मिलेगा।

सरमा ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि एनआरसी जैसे दस्तावेज तैयार किए जाएं, ताकि हम आसानी से पहचान सकें कि कौन भारतीय हैं और कौन घुसपैठिए हैं।'

उन्होंने कहा कि असम और पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश की सीमा पर बाड़ लगाना मुश्किल है क्योंकि ऐसे कई इलाकों में नदियां हैं। हालांकि, तकनीक का इस्तेमाल करके सीमा को सुरक्षित किया जा सकता है।

सरमा ने कहा, 'भारत सरकार ने असम और त्रिपुरा में तकनीकी हस्तक्षेप शुरू किया है। लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रही है। अगर बंगाल सहयोग करे तो हम घुसपैठ रोक सकते हैं।'

उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले पर कहा, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और चिंता का विषय है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कूटनीतिक स्तर पर कुछ कदम जरूर उठाएंगे।'

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