रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के भारत के प्रयास का समर्थन दोहराया

आतंकवाद के खतरों से निपटने में सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की गई

बैठक 19 और 20 दिसंबर को मास्को में हुई

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। भारत और रूस ने कट्टरपंथ एवं आतंकवाद के वित्तपोषण की चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास बढ़ाने का निर्णय लिया है।

आतंकवाद विरोधी सहयोग पर भारत-रूस संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठक में आतंकवाद के खतरों से निपटने में सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की गई।

संयुक्त राष्ट्र से संबंधित मुद्दों पर एक अलग बैठक में रूस ने पुनर्गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में भारत के प्रति अपना समर्थन दोहराया।

यह बैठक 19 और 20 दिसंबर को मास्को में हुई।

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा, 'आतंकवाद-रोधी 13वें संयुक्त कार्य समूह में दोनों पक्षों ने सीमा पार आतंकवाद, उग्रवाद सहित आतंकवाद का मुकाबला करने के अपने अनुभव साझा किए तथा कट्टरपंथ और आतंकवाद के वित्तपोषण की समस्याओं के समाधान के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।'

बयान में कहा गया, 'उन्होंने वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर मौजूदा आतंकवादी खतरों तथा आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग से निपटने पर चर्चा की।'

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

भारत और रूस ने मास्को में संयुक्त राष्ट्र से संबंधित मुद्दों पर छठे दौर का परामर्श भी आयोजित किया।

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