बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बेंगलूरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर अपराध की कई शिकायतों के मद्देनजर जनता से सतर्क रहने का आग्रह किया। डिजिटल अरेस्ट का दावा करने वाले साइबर अपराधी सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को डराते और उनसे पैसा ऐंठते हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को डराने-धमकाने को लेकर कई शिकायतें मिल रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप काफी वित्तीय नुकसान हो रहा है।
एक मामले का हवाला देते हुए, जिसमें 39 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने साइबर अपराधियों के झांसे में आकर 11.8 करोड़ रु. गंवा दिए, पुलिस आयुक्त ने कहा, 'हम दोहराना चाहते हैं, जैसा कि हमने अपने सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से कई बार किया है कि हमारे संविधान में डिजिटल गिरफ़्तारी की कोई अवधारणा नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी प्रावधानों पर आधारित होती है, और डिजिटल गिरफ़्तारी का कोई प्रावधान नहीं है।'
साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पुलिस आयुक्त ने शहर की पुलिस द्वारा सुलझाए गए विभिन्न मामलों के बारे में बात की। कई घरों में चोरी करने वाले एक व्यक्ति को हेन्नुर पुलिस स्टेशन ने गिरफ्तार किया है।
उससे पेचकस, लोहे की छड़ और काटने वाली प्लायर्स जैसे उपकरण जब्त किए गए। यही नहीं, 39.62 लाख रुपए मूल्य के 556 ग्राम सोने के आभूषण और 1.2 किलोग्राम चांदी के सामान बरामद हुए हैं।
यह बरामदगी शहर के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 11 ऐसे मामलों से जुड़ी हुई है। पुलिस आयुक्त ने अपने घरों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने को कहा। साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना नम्मा 112 को देने की सलाह दी।
बताया गया कि सीईएन पुलिस दक्षिण पूर्व डिवीजन ने साइबर धोखाधड़ी के एक मामले में शामिल छह अंतरराज्यीय जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने वॉट्सऐप पर कंपनी का लोगो और एमडी की प्रोफाइल पिक्चर का उपयोग करके कर्मचारियों को पैसे ट्रांसफर करने के लिए धोखा दिया, जिसे बाद में क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया।
अधिकारियों ने एक मोबाइल फोन, 58,600 रुपए नकद, धोखाधड़ी के पैसे से खरीदी गई एक ऑडी कार और 5 लाख रुपए बरामद किए हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। बताया गया कि साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए जरूरी है कि किसी भी सूचना पर भरोसा करने से पहले पुष्टि करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत 1930 पर रिपोर्ट करें।
सीसीबी की आर्थिक अपराध शाखा ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर कपल पार्टियों के दौरान ली गईं आपत्तिजनक तस्वीरों और वीडियो का उपयोग करके महिलाओं को ब्लैकमेल करने का आरोप है। जांच के तहत सात मोबाइल फोन और एक लैपटॉप जब्त किया गया है।