एलन मस्क ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर फिर छेड़ी बहस

कहा- इसमें सुधार की जरूरत है

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वॉशिंगटन/दक्षिण भारत। एच-1बी वीजा कार्यक्रम की रक्षा के लिए 'युद्ध में उतरने' की कसम खाने के बाद, टेक अरबपति एलन मस्क ने कुशल विदेशी श्रमिकों को अमेरिका लाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कार्यक्रम को लेकर बहस को फिर से छेड़ दिया है। उन्होंने इसे 'टूटा हुआ' बताया है और कहा है कि इसमें 'बड़े सुधार' की तत्काल आवश्यकता है।

मस्क और भारतीय-अमेरिकी टेक उद्यमी विवेक रामास्वामी को ट्रंप ने अपने सरकारी दक्षता विभाग का नेतृत्व करने के लिए चुना है। पिछले हफ़्ते, मस्क ने तर्क दिया कि स्पेसएक्स और टेस्ला जैसी तकनीकी कंपनियों के लिए विदेशी कर्मचारियों की ज़रूरत थी।

मस्क ने पिछले सप्ताह एक्स पर लिखा था, 'मैं उन कई महत्त्वपूर्ण लोगों के साथ अमेरिका में हूं, जिन्होंने स्पेसएक्स, टेस्ला और अमेरिका को मजबूत बनाने वाली सैकड़ों अन्य कंपनियों का निर्माण किया है, इसका कारण एच-1बी है।'

हालांकि, मस्क ने एक एक्स उपयोगकर्ता की पोस्ट के जवाब में अपने पहले के बयान को वापस ले लिया, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका को दुनिया की सबसे 'कुलीन प्रतिभाओं' के लिए एक गंतव्य बनने की जरूरत है, लेकिन तर्क दिया कि वर्तमान एच-1बी प्रणाली समाधान नहीं है।

मस्क ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'न्यूनतम वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि करके और एच-1बी को बनाए रखने के लिए वार्षिक लागत जोड़कर इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है, जिससे घरेलू स्तर की तुलना में विदेशों से काम पर रखना अधिक महंगा हो जाएगा। मैं इस बात पर बहुत स्पष्ट हूं कि यह कार्यक्रम टूटा हुआ है और इसमें बड़े सुधार की जरूरत है।'

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