असम के कछार जिले के 4 गांव बाल विवाह से मुक्त हुए: हिमंत बिस्वा सरमा

बालिकाओं के कल्याण पर केंद्रित पहलों से इस उपलब्धि को हासिल करने में मदद मिली है

Photo: himantabiswasarma FB Page

गुवाहाटी/दक्षिण भारत। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम के कछार जिले के चार गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि बालिकाओं के कल्याण पर केंद्रित पहलों से इस उपलब्धि को हासिल करने में मदद मिली है।

सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'असम ने बाल विवाह के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हम राज्य भर में इस सामाजिक बुराई के ताबूत में आखिरी कील ठोक रहे हैं।'

उन्होंने कहा, 'हाल में कछार के 4 गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित किया गया है, जिससे हमारी लड़कियों का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित हुआ है।'

पालोंघाट विकास खंड के अंतर्गत रुकनी भाग-4, कलाइन विकास खंड के अंतर्गत भैरबपुर भाग-1, तथा तपंग विकास खंड के अंतर्गत रोजकैंडी ग्रांट-1 और रोजकैंडी ग्रांट-2 को 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' पहल के अंतर्गत बाल विवाह मुक्त घोषित किया गया है।

सरमा ने कहा कि निजुता मोइना योजना और असम अनिवार्य मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 2024 जैसी पहलों ने इस सामाजिक बुराई के उन्मूलन में मदद की है।

एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष से बाल विवाह के मामलों में कड़ी कार्रवाई की गई है। इसके तहत तीन विशेष अभियानों और बाल विवाह के नियमित मामलों में 5,348 मामले दर्ज किए गए और 5,842 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

इस महीने की शुरूआत में चलाए गए अभियान में राज्यभर में 431 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 345 मामले दर्ज किए गए।

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