अतुल सुभाष के पिता को बहू की हिरासत के बारे में उच्चतम न्यायालय को सूचित करने का निर्देश दिया गया

न्यायालय अतुल की मां द्वारा अपने पोते की कस्टडी की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है

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बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पिछले महीने आत्महत्या कर चुके इंजीनियर अतुल सुभाष के पिता को निर्देश दिया है कि वे मामले में आरोपी और उनकी (अतुल की) अलग रह रही पत्नी निकिता की न्यायिक हिरासत के बारे में उच्चतम न्यायालय को सूचित करें।

उच्चतम न्यायालय वर्तमान में अतुल की मां द्वारा अपने नाबालिग पोते की कस्टडी की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर ने निकिता की याचिका के जवाब में यह अंतरिम आदेश पारित किया, जिसमें उसकी गिरफ्तारी की वैधता और उसके पति की मृत्यु के बाद उसके खिलाफ दर्ज आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले को चुनौती दी गई थी।

निकिता के वकील भरत कुमार ने दलील दी कि उसकी गिरफ़्तारी गैरकानूनी थी, क्योंकि पुलिस ने उसे हिरासत में रखने के लिए आधार नहीं दिए। उन्होंने उसके लिए अंतरिम ज़मानत की भी मांग की, जिसमें इस बात पर ज़ोर दिया गया कि शीर्ष न्यायालय में अपना बचाव करने की ज़रूरत है।

हालांकि राज्य लोक अभियोजक-द्वितीय विजयकुमार माजगे ने जांच का ब्योरा देने के लिए 6 जनवरी तक का समय मांगा।

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