कंगाल होने का दांव?

पतन की ओर धकेलने वाले लोग आपके हितैषी नहीं हो सकते

नौजवानों में भी इतनी समझ होनी चाहिए

ऑनलाइन गेम में रुपए कमाने के नाम पर जिस तरह नौजवानों को इसकी लत लग रही है, वह अत्यंत चिंता का विषय है। पिछले एक साल में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब किसी शख्स ने इन प्लेटफॉर्म पर बड़ी रकम गंवाई और बाद में कोई गलत कदम उठाया। जीतने की चाहत और जल्द धनवान बनने की हसरत ऐसे नौजवानों को अपराध की ओर भी धकेल रही है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में तो एक युवक बैंक लूटने ही पहुंच गया। यह तो बैंक स्टाफ की सूझबूझ और पुलिस की सतर्कता काम आई, अन्यथा उस युवक के मंसूबे पूरे हो जाते। पूछताछ से पता चला कि उसे ऑनलाइन गेम की लत लग गई थी, जिसमें काफी रुपयों का नुकसान हो गया था। जब 'भरपाई' करने के लिए कुछ नहीं बचा तो बैंक लूटने का इरादा कर लिया! जो उम्र पढ़-लिखकर अपना भविष्य बनाने की थी, उसमें अपराध कर बैठा और जेल पहुंच गया। यह कोई पहला मामला नहीं है और न ही आखिरी होगा। जो लोग ऑनलाइन गेम में मालामाल होने का सपना लेकर दांव लगाते हैं, वे आखिर में ऐसे किसी मोड़ पर पहुंच जाते हैं, जब न तो उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता दिखाई देता है और न 'पीछे लौटने' का वक्त रहता है। उत्तर प्रदेश के झांसी में तो इससे भी ज्यादा गंभीर मामला सामने आया। वहां 19 वर्षीया नर्सिंग छात्रा पर ऑनलाइन गेम का जुनून इस कदर हावी हो गया कि उसने पढ़ाई-लिखाई के बजाय पूरा ध्यान इस पर ही देना शुरू कर दिया था। शुरुआत में उसे यह मुनाफे का सौदा लगा, जहां संबंधित ऐप की ओर से कमाई के बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाए गए थे। वह छात्रा धीरे-धीरे इस जाल में ऐसे फंस गई कि दोस्तों से रुपए उधार लेकर लगाने लगी। उसने लगभग ढाई लाख रुपए गंवा दिए।

उस छात्रा की स्थिति एक हारे हुए जुआरी जैसी थी। आखिरकार उसने अपने अपहरण का झूठा नाटक रचा और दोस्तों के जरिए फिरौती मांगी। छात्रा के पिता ने पुलिस की मदद ली। पुलिस ने ठीक तरह से जांच की और मामले का खुलासा कर दिया। छात्रा और उसके दोस्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। अगर वह युवती अपना मन ऑनलाइन गेम खेलने और उसमें रुपए लगाने के बजाय नर्सिंग की पढ़ाई में लगाती तो उसका भविष्य उज्ज्वल होता। आज कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए मोबाइल फोन जरूरत बन चुका है। परिजन से संपर्क में रहने, ऑनलाइन पढ़ाई करने और रोजगार संबंधी सूचनाएं पाने जैसे उद्देश्यों के लिए मोबाइल फोन पर निर्भरता बढ़ गई है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल करते हुए 'भटक' जाते हैं। इस भटकाव के लिए काफी हद तक वे कथित सेलिब्रिटी भी जिम्मेदार हैं, जो विभिन्न विज्ञापनों में यह कहते नजर आते हैं कि फलां ऐप डाउनलोड कीजिए और जीतिए लाखों के इनाम ... पैसा सीधे आपके अकाउंट में! प्राय: नौजवान उनकी 'बातों' में आ जाते हैं। उन्हें लगता है कि इतना बड़ा 'स्टार' कह रहा है तो सच ही कह रहा होगा! चूंकि वे तो उनकी हेयर स्टाइल, हावभाव, बोलने और चलने के अंदाज़ आदि को कॉपी करने में बड़प्पन समझते हैं। बस, यह समझने की ज़हमत नहीं करते कि उनके ये प्रिय सेलिब्रिटी ऐसे विज्ञापनों के लिए मोटी रकम ले चुके हैं। संबंधित ऐप का संचालन करने वाली कंपनी ने उन्हें यह पैसा कहां से दिया होगा? जवाब बहुत आसान है, कई लोगों ने अमीर बनने के लालच में अपनी रकम गंवाई, उसी से कंपनी ने कमाई की और उसका एक हिस्सा सेलिब्रिटी के पास गया। इस 'जाल' में लोग जितने फंसेंगे, उनकी जेबें उतनी खाली होंगी और वह कंपनी मालामाल होगी। यह सीधा-सा हिसाब नौजवान समझ लें तो ऐसे जाल में फंसने से बच जाएं। सरकार, समाज, अभिभावकों और स्कूलों-कॉलेजों की जिम्मेदारी है कि वे नौजवानों को इससे सावधान करें। नौजवानों में भी इतनी समझ होनी चाहिए कि उन्हें अपने वर्तमान को सुधारना और भविष्य को बेहतर बनाना है। पतन की ओर धकेलने वाले लोग चाहे कथित सेलिब्रिटी हों या दोस्त, सहपाठी, रिश्तेदार अथवा पड़ोसी, वे आपके हितैषी नहीं हो सकते। उनसे सावधान रहने में ही भलाई है।

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