नई दिल्ली/दक्षिण भारत। सालाना 12 लाख रुपए तक कमाने वाले लोगों को नई कर व्यवस्था के तहत कोई आयकर नहीं देना होगा, क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को छूट सीमा बढ़ाकर और स्लैब में फेरबदल करके मध्यम वर्ग को राहत दी।
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए, 75,000 रुपए की मानक कटौती को ध्यान में रखते हुए, यह शून्य कर सीमा 12.75 लाख रुपए प्रति वर्ष होगी।
नई आयकर व्यवस्था के अंतर्गत अधिक छूट और पुनर्गठन किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, 'मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नई व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपए तक की आय (अर्थात् पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर वाली आय को छोड़कर प्रति माह 1 लाख रुपए की औसत आय) पर कोई आयकर नहीं देना होगा।'
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, 'नए ढांचे से मध्यम वर्ग के करों में काफी कमी आएगी और उनके हाथ में अधिक पैसा आएगा, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।'
16 से 20 लाख रुपए तक की आय पर 20 प्रतिशत, 20-24 लाख रुपए तक की आय पर 25 प्रतिशत तथा 24 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर लगाया जाएगा।
नई व्यवस्था में 12 लाख रुपए तक की आय वाले करदाता को कर में 80,000 रुपए का लाभ मिलेगा। 18 लाख रुपए तक की आय वाले व्यक्ति को कर में 70,000 रुपये का लाभ मिलेगा।
25 लाख रुपए की आय वाले व्यक्ति को 1.10 लाख रुपए का लाभ मिलेगा।