हैदराबाद/दक्षिण भारत। श्रीशैलम लेफ्ट बैंक नहर परियोजना के एक हिस्से के 24 घंटे पहले ढह जाने के बाद सुरंग के अंदर फंसे इंजीनियरों और श्रमिकों के बचाव दल करीब पहुंच गए हैं। उन्हें निकालने के लिए अभियान जारी है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि यहां से लगभग 150 किलोमीटर दूर नागरकुरनूल जिले में दुर्घटनास्थल पर पहुंची टीमों ने फंसे हुए लोगों के नाम पुकारे, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
बचावकर्मी सुरंग के अंदर 13वें केएम तक पहुंचने में सफल रहे, जो उस स्थान से कुछ ही दूरी पर हैं, जहां शनिवार को दुर्घटना हुई थी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्य के मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी और जे कृष्ण राव बचाव कार्यों की निगरानी के लिए घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
सूत्रों ने बताया, 'बचावकर्मियों को लोहे, कीचड़ और सीमेंट के ब्लॉकों से भरा मलबा हटाना होगा। बचाव दल 13वें केएम तक पहुंचने में सफल रहे। वे उस स्थान पर स्थिति का आकलन कर रहे हैं, जहां शनिवार को आखिरी बार सुरंग खोदने वाली मशीन रखी गई थी।'
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया, '(बचाव) दल लगभग अंतिम बिंदु (मशीन तक) पहुंच चुका है। हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं।'
आठ में से छह (दो इंजीनियर और चार मजदूर) जयप्रकाश एसोसिएट्स के हैं और दो एक अमेरिकी कंपनी के कर्मचारी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी को फोन कर घटना की जानकारी ली और चल रहे बचाव अभियान के लिए केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
रविवार को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना के जवान और कंपनी के कर्मचारी बचाव अभियान में जुटे रहे।