नागरकुरनूल/दक्षिण भारत। एसएलबीसी सुरंग में पिछले पांच दिनों से फंसे आठ लोगों को बचाने में लगे विशेषज्ञों की एक टीम उसके आखिर तक पहुंचने और वापस लौटने में सफल रही। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अब तक टीमें कीचड़ और मलबे के कारण सुरंग के आखिर से 50 मीटर पहले तक पहुंचने में सक्षम थीं।
नागरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने बताया, 'एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और रैट माइनर्स की 20 सदस्यीय टीम सुरंग के आखिरी बिंदु तक पहुंचने में सफल रही। लेकिन वहां बहुत सारा मलबा था। वे इस पर काम कर रहे हैं कि कैसे आगे बढ़ा जाए।'
अधिकारी ने आगे कहा, 'एक दिन पहले वे 40 मीटर (सुरंग के अंत से पहले) तक पहुंचने में सक्षम थे। कल वे उस 40 मीटर तक भी पहुंच गए (पार कर गए)।'
गायकवाड़ ने आगे कहा कि टीम ने स्थान पर खोज की, लेकिन कल रात कुछ भी नहीं मिला।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम, जिसने नमूने एकत्र किए हैं, ने अभी तक मिट्टी की ताकत और अन्य पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।
भारतीय सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, जीएसआई और अन्य एजेंसियों के शीर्ष विशेषज्ञ, जो निरंतर गाद और पानी के प्रवाह के कारण बचावकर्मियों के जीवन के लिए खतरे के बीच ध्वस्त एसएलबीसी सुरंग बचाव कार्य में सफलता पाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं, बुधवार को भी अपना अभियान जारी रखेंगे।