विशाखापत्तनम/दक्षिण भारत। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को कहा कि दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाएं जनसंख्या संकट से जूझ रही हैं।
एक पुस्तक विमोचन के अवसर पर बोलते हुए नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि इन देशों के पास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों जैसे उन्नत संसाधन मौजूद हैं, लेकिन उन्हें संचालित करने के लिए उनके पास पर्याप्त कार्यबल का अभाव है।
उन्होंने कहा, 'दुनिया के सभी शीर्ष देश संघर्ष कर रहे हैं। वहां जनसंख्या नहीं है। एआई और प्रौद्योगिकी मौजूद है, लेकिन उन्हें संचालित करने वाले लोग नहीं हैं।'
यूरोप, चीन और जापान का उदाहरण देते हुए नायडू ने कहा कि वृद्ध होती आबादी इन अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत इस मुद्दे से काफी हद तक अप्रभावित है।
पिछले कुछ महीनों में, तेदेपा सुप्रीमो ने आंध्र प्रदेश के लोगों से घटती जनसंख्या प्रवृत्ति का मुकाबला करने के लिए अधिक बच्चे पैदा करने का आग्रह किया है।
नायडू ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत इतिहास के एक महत्त्वपूर्ण मोड़ पर है। कांग्रेस सरकार के तहत 1990 के दशक की शुरुआत में शुरू किए गए उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (एलपीजी) सुधारों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 'पहले कदम' का लाभ प्राप्त किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत 2047 विजन' पर विश्वास व्यक्त करते हुए नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश भी अपनी 'स्वर्ण आंध्र 2047 पहल' के माध्यम से समान प्रगति हासिल करेगा।
आंध्र प्रदेश के समक्ष अनेक चुनौतियों के बावजूद, नायडू ने उनसे निपटने के अपने दृढ़ संकल्प की पुष्टि की तथा तेलुगु लोगों को विश्व स्तर पर अग्रणी समुदाय के रूप में देखा।