नई दिल्ली/दक्षिण भारत। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूची के आंकड़ों में हेराफेरी के आरोपों के बीच मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने के मुद्दे पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह सचिव और विधायी सचिव के साथ बैठक बुलाई है।
विभिन्न राज्यों में मतदाताओं को आवंटित किए गए डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र संख्या के मामलों को उठाते हुए विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनाव अधिकारी भाजपा की मदद के लिए मतदाता सूची में हेराफेरी कर रहे हैं।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी हाल ही में लोकसभा में इसी प्रकार की भावनाएं व्यक्त की थीं।
डुप्लीकेट कार्ड नंबर को 'विरासत का मामला' बताते हुए चुनाव आयोग ने अगले तीन महीनों में इस मामले को निपटाने का आश्वासन दिया है। आयोग ने कहा है कि डुप्लीकेट नंबर का मतलब जरूरी नहीं कि फर्जी मतदाता ही हों।
सूत्रों ने बताया कि कुमार मंगलवार को गृह सचिव, विधायी सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
कानून मतदाता सूचियों को आधार डाटाबेस के साथ स्वैच्छिक रूप से जोड़ने की अनुमति देता है। सरकार ने संसद को बताया है कि आधार-मतदाता कार्ड जोड़ने का कार्य 'प्रक्रिया संचालित' है और प्रस्तावित लिंकिंग के लिए कोई लक्ष्य या समयसीमा नहीं दी गई है।
सरकार ने यह भी कहा है कि जो लोग अपने आधार विवरण को मतदाता सूची से नहीं जोड़ेंगे, उनके नाम मतदाता सूची से नहीं काटे जाएंगे।