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मुनिश्री पुलकितकुमार ने युवाओं को आत्मसंयम, नैतिकता और समर्पण का महत्त्व समझाया

सर्वोच्च पर्वत शिखर मुल्यानगिरि का किया आरोहण

मुनिश्री पुलकितकुमार ने युवाओं को आत्मसंयम, नैतिकता और समर्पण का महत्त्व समझाया
परिषद के तत्वावधान में 'युवा कार्यशाला’ का आयाेजन किया गया

चिकमगलूर/दक्षिण भारत। बेंगलूरु के तेरापंथ युवक परिषद् के सदस्याें ने 'फिट युवा, हिट युवा’ अभियान के अंतर्गत कर्नाटक के सर्वाेच्च शिखर मुल्यानगिरि पर्वत का आराेहण डाॅ. मुनि पुलकितकुमारजी के सान्निध्य में किया। इस माैके पर तेरापंथ धर्मसंघ के अनुयायियाें और युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। 

डाॅ. मुनि पुलकितकुमारजी ने युवाओं काे जीवन में अनुशासन, समर्पण और आध्यात्मिकता के महत्त्व काे समझाते हुए मार्गदर्शन प्रदान किया। इसके बाद परिषद के तत्वावधान में 'युवा कार्यशाला’ का आयाेजन किया जिसमें मुनिश्री ने युवाओं काे आध्यात्मिकता एवं अनुशासन का नया दृष्टिकाेण प्रदान किया। 

पुलकितकुमारजी ने प्रवचन के माध्यम से युवाओं काे जीवन में आत्मसंयम, नैतिकता और समर्पण का महत्त्व समझाया। उनके प्रेरणादायक शब्दाें ने उपस्थित सभी युवाओं काे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला में युवाओं काे न केवल धार्मिक ज्ञान प्राप्त हुआ, बल्कि आत्म-विकास और नेतृत्व काैशल काे मजबूत करने की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण मार्गदर्शन मिला। 

इस कार्यशाला के आयाेजन में बेंगलूरु व चिकमगलूर की विभिन्न तेरांपथ संघ की संस्थाओं का सहयाेग रहा। कार्यक्रम के बेंगलूरु तेयुप के अध्यक्ष विमल धारीवाल, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष पारसमल भंसाली, मंत्री विनाेद छाजेड़, संयाेजक आलाेक कुंडलियाँ आदि उपस्थित थे।

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