बेंगलूरु/दक्षिण भारत। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गहरा दुख और आक्रोश दिखाई दे रहा है। बेंगलूरु में शनिवार को लोग घरों से निकले और पाकिस्तान व आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाए। हजारों की तादाद में उमड़े ये लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि अब सहनशीलता का समय नहीं रहा और निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। लोगों में देश के बेटों को खोने का गहरा दुख और गुस्सा है। सड़कों पर उतरी जनता ने ‘भारत माता की जय’ और शहीदों के सम्मान में नारों से आकाश गुंजा दिया।
शनिवार को चिकपेट सहित आसपास के सभी इलाकों में व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। शहर के विभिन्न रास्तों से जब ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ नारे लगाते हुए लोग निकले तो यह कारवां बढ़ता ही गया। हर कहीं एक ही चर्चा है कि देश की रक्षा करने जा रहे हमारे जवानों को निशाना बनाने के बाद अब आतंकियों पर क्या कार्रवाई होगी। विरोध प्रदर्शन के लिए लोगों ने अपने जरूरी काम छोड़े और शहीदों को नमन करने आए।
इस दौरान लोगों ने अपने हाथों में तिरंगे झंडे ले रखे थे। वंदे मातरम् के नारों के साथ जब यह समूह आगे बढ़ रहा था तो स्थानीय लोगों की ओर से उनका पूरा समर्थन किया गया। शहर में जगह-जगह जुलूस निकाल लोगों ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। साथ ही सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर राजनेताओं को टैग कर बताया है कि देश के मन में क्या है। जब से पुलवामा हमले की खबर आई है, घर-घर में लोग शहीदों की याद में गमजदा हैं।
नारों और जुलूसों में भी यह भावना जाहिर की जा रही है कि शांति और सहिष्णुता की नीति पाकिस्तान जैसे आतंकी मुल्क के लिए ठीक नहीं है। अब समय आ गया है कि उसके बारे में सख्त नीति बने और सरकार सहित पूरा देश उस पर अमल करे। बेंगलूरु में जहां से भी यह जुलूस निकला, वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। उसके बाद फिजाओं में पाक को सबक सिखाने के नारे गूंजने लगे।
शुक्रवार को भी शहर में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। स्थानीय जैन समुदाय, व्यापारी संघ, जैन युवक मंडल, ज्वेलरी एंड पॉन ब्रोकर एसोसिएशन ने फर्स्ट क्रॉस रोड से शांति मार्च निकाल शहीदों को नमन किया। इस दौरान भारत मां के सपूतों को श्रद्धांजलि देकर आह्वान किया गया कि पूरा भारत एक है। अब आतंकवाद को समूल नष्ट करने का समय आ गया है ताकि विश्व में शांति कायम हो सके।