कोरोना संकट के बावजूद खरीफ की फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 7% ज्यादा: मोदी

कोरोना संकट के बावजूद खरीफ की फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 7% ज्यादा: मोदी

कोरोना संकट के बावजूद खरीफ की फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 7% ज्यादा: मोदी

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली/भाषा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना जैसी महामारी से पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों के बावजूद देश में खरीफ की फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले सात फीसद ज्यादा हुई है। आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 68वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए मोदी ने किसानों को नमन करते हुए कहा कि उनकी शक्ति से ही जीवन और समाज चलता है।

मोदी ने कहा, ‘हमारे किसानों ने कोरोना की इस कठिन परिस्थिति में भी अपनी ताकत को साबित किया है। हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले सात प्रतिशत ज्यादा हुई है।’ उन्होंने कहा कि धान की रोपाई इस बार लगभग 10 प्रतिशत, दालें लगभग पांच प्रतिशत, मोटे अनाज लगभग तीन प्रतिशत, तिलहन लगभग 13 प्रतिशत और कपास की लगभग तीन प्रतिशत ज्यादा बुवाई की गई है।

मोदी ने कहा, ‘मैं, इसके लिए देश के किसानों को बधाई देता हूं। उनके परिश्रम को नमन करता हूं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आम तौर पर यह समय उत्सव का होता है और जगह-जगह मेले लगते हैं तथा धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं। उन्होंने कहा, ‘कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग तो है, उत्साह भी है, हम सबके मन को छू जाए वैसा अनुशासन भी है। नागरिकों में दायित्व का एहसास भी है। लोग अपना ध्यान रखते हुए, दूसरों का ध्यान रखते हुए, अपने रोजमर्रा के काम भी कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि संकट काल में देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है। गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो, ज्यादातर जगहों पर इस बार पर्यावरण अनुकूल गणेश प्रतिमा स्थापित की गई है।

पर्व और पर्यावरण के बीच के गहरे नाते की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रकृति की रक्षा के लिए बिहार के पश्चिमी चंपारण में थारु आदिवासी समाज द्वारा मनाए जाने वाले बरना त्योहार का जिक्र किया और कहा कि प्रकृति की रक्षा के लिए बरना को थारु समाज ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और सदियों से बनाया है।

मोदी ने केरल के प्रसिद्ध ओणम त्योहार पर लोगों को बधाई देते हुए कहा कि ओणम की धूम तो आज, दूर-सुदूर विदेशों तक पहुंच गई है। अमेरिका हो, यूरोप हो, या खाड़ी देश हों, ओणम का उल्लास हर कहीं मिल जाएगा। उन्होंने कहा, ‘ओणम एक अंतरराष्ट्रीय पर्व बनता जा रहा है।’

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News