पी305 पर मौजूद लोगों में से 22 की मौत, 65 लापता, 186 को बचाया गया: नौसेना

पी305 पर मौजूद लोगों में से 22 की मौत, 65 लापता, 186 को बचाया गया: नौसेना

पी305 पर मौजूद लोगों में से 22 की मौत, 65 लापता, 186 को बचाया गया: नौसेना

फोटो स्रोत: PRO Defence Mumbai ट्विटर अकाउंट।

मुंबई/भाषा। बजरे (बार्ज) पी305 पर मौजूद लोगों में से कम से कम 22 की मौत हो चुकी है, 65 लोग अब भी लापता हैं। उल्लेखनीय है कि यह बजरा चक्रवात ताउते के कारण मुंबई के तट से कुछ दूरी पर सागर में फंस गया था और फिर डूब गया था। नौसेना के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

नौसेना की ओर से बुधवार को बताया गया कि बेहद खराब मौसम से जूझते हुए उसके जवानों ने बजरे पी305 पर मौजूद 273 लोगों में से अब तक 186 को बचा लिया है, दो लोगों को ‘ठगबोट’ वारप्रदा से बचाया गया है।

एक अधिकारी ने बताया, ‘तलाश एवं बचाव अभियान अभी जारी है और लोगों को तट तक सुरक्षित लाने की उम्मीद हमने अब तक नहीं छोड़ी है।’ उन्होंने कहा कि हालांकि लोगों के सुरक्षित मिलने की उम्मीद समय बीतने के साथ क्षीण पड़ती जा रही है।

नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि दो अन्य बजरों तथा एक ऑयल रिग पर मौजूद सभी लोग सुरक्षित हैं। उल्लेखनीय है कि ये बजरे चक्रवात ताउते के गुजरात तट से टकराने से कुछ घंटे पहले मुंबई के पास अरब सागर में फंस गए थे।

इस बीच नौसेना का युद्धपोत आईएनएस कोच्चि पी305 से बचाए गए 186 लोगों में से 125 को लेकर बुधवार सुबह मुंबई पहुंचा। प्रवक्ता ने बताया कि इनके साथ ही 22 शवों को भी लाया गया।

नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘बुधवार सुबह तक, पी305 पर मौजूद 186 कर्मियों को बचा लिया गया है। आईएनएस तेग, आईएनएस बेतवा, आईएनएस ब्यास, पी81 विमान और हेलीकॉप्टरों की मदद से तलाश एवं बचाव अभियान जारी है।’

नौसेना और तटरक्षक बल ने बजरे ‘जीएएल कन्स्ट्रक्टर’ में मौजूद 137 लोगों को मंगलवार तक बचा लिया था। अधिकारियों ने बताया कि बजरे एसएस-3 पर मौजूद 196 लोग और ऑयल रिग सागर भूषण पर मौजूद 101 लोग सुरक्षित हैं।

ओएनजीसी तथा एससीआई के पोतों के जरिए इन्हें तट तक सुरक्षित लाया जा रहा है। बचाव एवं राहत कार्यों में मदद के लिए क्षेत्र में आईएनएस तलवार भी तैनात है।

नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि 707 कर्मियों के साथ तीन बजरे और एक ऑयल रिग सोमवार को समुद्र में फंस गए थे। इनमें 273 लोगों के साथ ‘पी305’ बजरा, 137 कर्मियों के साथ ‘जीएएल कंस्ट्रक्टर’ और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे। साथ ही ‘सागर भूषण’ ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे।

नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल मुरलीधर सदाशिव पवार ने कहा कि यह बीते चार दशक में सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण तलाश एवं बचाव अभियान है।

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