आत्मनिर्भर बन रहा भारत: चीनी पीपीई की तुलना में सिर्फ एक तिहाई लागत में किट बना रही यह कंपनी

आत्मनिर्भर बन रहा भारत: चीनी पीपीई की तुलना में सिर्फ एक तिहाई लागत में किट बना रही यह कंपनी

आत्मनिर्भर बन रहा भारत: चीनी पीपीई की तुलना में सिर्फ एक तिहाई लागत में किट बना रही यह कंपनी

नई दिल्ली/भाषा। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी कपड़ा और परिधान इकाई आलोक इंडस्ट्रीज को निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) विनिर्माता में बदल दिया है। आलोक इंडस्ट्रीज चीन से आयातित पीपीई किट की तुलना में सिर्फ एक-तिहाई यानी करीब 33 प्रतिशत लागत पर इसका उत्पादन कर रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाल में आलोक इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण किया था।

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सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने आलोक इंडस्ट्रीज के सिलवासा, गुजरात के कारखाने में विशिष्ट रूप से पीपीई का विनिर्माण शुरू किया है। कोविड-19 संकट के बीच चिकित्सकों, नर्सों, अस्पताल कर्मियों और अन्य लोगों के लिए पीपीई किट की काफी जरूरत है।

सूत्रों ने कहा कि पीपीई किट की विनिर्माण क्षमता को बढ़ाकर एक लाख इकाई प्रतिदिन किया गया है। यहां इसका विनिर्माण की लागत सिर्फ 650 रुपए प्रति किट है, जबकि आयातित किट की कीमत 2,000 रुपए प्रति इकाई बैठती है।

सूत्रों ने कहा कि भविष्य में यहां से पीपीई किट का निर्यात भी किया जा सकेगा। सूत्रों ने बताया कि इस कारखाने में पीपीई किट का विनिर्माण अप्रैल के मध्य में शुरू हुआ। उसके बाद यहां उत्पादन तेजी से बढ़ाया गया। अब यहां देश की प्रतिदिन की पीपीई किट की जरूरत का 20 प्रतिशत उत्पादन हो रहा है। अन्य पीपीई किट विनिर्माताओं में जेसीटी फगवाड़ा, गोकलदास एक्सपोर्ट्स और आदित्य बिड़ला शामिल हैं।

कोरोना वायरस संकट से पहले भारत अपनी पीपीई किट की जरूरत को आयात से पूरा करता था। यह महामारी फैलने के बाद से देश में इसका उत्पादन शुरू हुआ है। सूत्रों ने कहा कि रिलायंस की उच्च गुणवत्ता और कम लागत की पीपीई किट से कोविड-19 संकट से निपटने में काफी मदद मिल सकेगी।

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