बढ़ाता है एकाग्रता, दूर करता है मांसपेशियों के विकार ...'ताड़ासन' करने से होते हैं ये लाभ
शुरुआत में कठिन आसनों के बजाय सरल आसन करने चाहिएं
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बेंगलूरु/दक्षिण भारत। योग हर व्यक्ति के लिए है। अपनी शारीरिक अवस्था को ध्यान में रखते हुए कुशल योग प्रशिक्षक के निर्देशन में किया गया योग लाभदायक होता है। यह एक प्राचीन विज्ञान है, जिसके अभ्यास के दौरान नियमों का पालन करना आवश्यक है।
चूंकि किसी भी विषय को समझने के लिए सरलता से जटिलता की ओर बढ़ना श्रेयस्कर होता है, इसलिए योगाभ्यास के दौरान भी इसी नियम का पालन करना उचित है। शुरुआत में कठिन आसनों के बजाय सरल आसन करें। उसके बाद प्रशिक्षक के दिशा-निर्देशों के अनुसार आगे बढ़ें।यहां जानिए 'ताड़ासन' करने का तरीका और उसके लाभ ...
कैसे करें?
'ताड़ासन' का नाम सुनते ही जो शब्द सबसे पहले मन में आता है, वह है- 'ताड़', जो कि एक पेड़ का नाम है। इस आसन में पूरे शरीर को ताड़ की तरह ऊपर की ओर खींचना होता है। इसे करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएं। यह कोशिश करें कि आपके पैर मिले रहें। वहीं, हथेलियों को बगल में रखें।
शरीर को स्थिर रखें और इस बात का ध्यान रखें कि आपका पूरा वज़न दोनों पैरों पर समान रूप से आए। अब दोनों हथेलियों की अंगुलियों को मिलाकर सिर के ऊपर रखें। आपकी हथेलियां भी ऊपर की ओर हों।
अब सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की तरफ खींचिए। कंधों और छाती में भी खिंचाव आना चाहिए। अपनी एड़ियों को ऊपर उठाएं और पैरों की अंगुलियों पर शारीरिक संतुलन बनाने का प्रयास करें। कुछ पल तक इसी स्थिति में रहें। उसके बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर लाएं। इसे पांच से 10 बार तक दोहरा सकते हैं।
ध्यान रखें कि जब सांस भरें तो दोनों हाथों, पैरों तथा पूरे शरीर में खिंचाव लाना है। वहीं, सांस को छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में लौटना है।
ताड़ासन से लाभ
- यह शरीर की मांसपेशियों के विकार को दूर करता है।
- इससे शारीरिक व मानसिक संतुलन बनाने में मदद मिलती है।
- यह आसन एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है।
- ताड़ासन साइटिका के दर्द से राहत दिलाने में सहायक है।
- इससे जांघें, घुटने और टखने मजबूत होते हैं।
- जिन बच्चों की लंबाई बहुत धीरे बढ़ती है, उन्हें ताड़ासन से लाभ हो सकता है।
- यह बदन-दर्द में राहत पहुंचाता है।
- नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र के रोगों से राहत मिलती है।