केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे क्या अपनी सीट आसानी से निकाल लेंगी?

करंदलाजे का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व राज्यसभा सदस्य एमवी राजीव गौड़ा से है

केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे क्या अपनी सीट आसानी से निकाल लेंगी?

Photo: @ShobhaBJP X account

बेंगलूरु/दक्षिण भारत| लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे की सीट चिकमगलूर से बदलकर बेंगलूरु उत्तर लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यह चर्चा है कि क्या यह सीट वे आसानी से निकाल लेंगी? उन पर इस निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत का सिलसिला बरकरार रखने का दबाव है| बेंगलूरु उत्तर सीट वर्ष 2004 से भाजपा का गढ़ है। वर्ष 2014 से मतदाता ‘‘मोदी फैक्टर’’ पर भरोसा कर रहे हैं और भाजपा का कोई भी उम्मीदवार हो, उसे जिताते रहे हैं।

करंदलाजे का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व राज्यसभा सदस्य एम.वी. राजीव गौड़ा से है, जो उन्हें टक्कर देने की कोशिश कर रहे हैं| दोनों वोक्कलिगा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं| करंदलाजे उडुपी-चिकमगलूर से दो बार की सांसद हैं, लेकिन मोदी ने उनकी सीट बदल दी है। करंदलाजे लोगों के बीच जाकर उन्हें समझा रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत पिछले 10 वर्षों में किस तरह विकास पथ पर आगे बढ़ा है| वे मोदी की उपलब्धियों की जानकारी विस्तार से दे रही हैं।

कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा कहती हैं, ‘‘यह भारत की संस्कृति और सनातन परंपराओं को बचाने के लिए चुनाव है|’’ यह सर्व विदित है कि उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता बी.एस. येडीयुरप्पा का मजबूत समर्थन एवं आशीर्वाद प्राप्त है| भाजपा वर्ष 2004 से इस सीट पर जीत हासिल करती आ रही है| इससे पहले यह 1952 से 2004 तक कांग्रेस का गढ़ रहा था| हालांकि, 1996-1998 के दौरान तत्कालीन जनता दल के के.सी. नारायणस्वामी यहां से सांसद रहे|

पूर्व रेल मंत्री सी.के. जाफर शरीफ इस निर्वाचन क्षेत्र से सबसे लंबे समय तक सांसद रहे| उन्होंने 1977 से 1996 तक लगातार पांच बार चुनाव जीता और कुल सात बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया| वर्ष 2004 के बाद से यहां से भाजपा के तीन सांसद रहे हैं, जिनमें कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक एच टी सांगलियाना, दिवंगत डी.बी. चंद्रेगौड़ा और पूर्व केंद्रीय मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा शामिल हैं| इन सभी को ‘‘बाहरी’’ माना जाता रहा लेकिन इनको  फिर भी भाजपा को चाहने वालों ने विजयी बनाया| इसलिए अब यहां से करंदलाजे को जीत के लिए शायद अधिक संशय नहीं है, परंतु वे अपनी तरफ से मेहनत में कोई भी कमी नहीं छोड़ रही हैं।

बेंगलूरु उत्तर में विधानसभा की कुल आठ सीटें हैं जिनमें से पांच का प्रतिनिधित्व भाजपा और शेष का कांग्रेस कर रही है| पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे राजीव गौड़ा ने आरोप लगाया कि करंदलाजे को सांप्रदायिक रूप से ‘विभाजनकारी’ भाषण और ध्रुवीकरण के लिए जाना जाता है|

भारतीय प्रबंध संस्थान बेंगलूरु के पूर्व प्रोफेसर गौड़ा कहते हैं कि लोग बेहतर जीवन जीना, आगे बढ़ना और समृद्ध होना चाहते हैं, लोग नहीं चाहते कि यह क्षेत्र सांप्रदायिक रूप से विभाजित हो जाए| उन्होंने दावा किया कि इस लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में कोई मोदी लहर नहीं है इसलिए जीत कांग्रेस की होगी। लेकिन यहां के माहौल को देखकर कहा जा सकता है कि शोभा करंदलाजे को  यह सीट मोदीमय माहौल के चलते मिल ही जाएगी क्योंकि क्षेत्र में कांग्रेसी उम्मीदवार राजीव गौड़ा भी बिल्कुल नए हैं।

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