अन्नाद्रमुक में दिनाकरण समर्थकों की बढने लगी तादाद

अन्नाद्रमुक में दिनाकरण समर्थकों की बढने लगी तादाद

चेन्नई। राज्य की सत्तारुढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) में लगातार खेमेबाजी बढता जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम के पार्टी से अलग होने के बाद यह दूसरा ऐसा मौका है जब पार्टी के अंदर विधायक दो खेमोें में बंटते नजर आ रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि एक खेमा मुख्यमंत्री पलानीसामी का समर्थन करने वाले विधायकों का है और दूसरा खेमा हाल ही में दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट से जमानत के बाद रिहा होकर चेन्नई पहुंचे पार्टी के उपमहासचिव दिनाकरण का है। मंगलवार को उनसे चार विधायकों ने उनके आवास पर मुलाकात की थी और बुधवार को एक बार फिर से दो अन्य विधायकों ने उनसे मुलाकात की । इसके साथ ही मुख्यमंत्री का समर्थन करने वाले विधायकों का भी लगातार उनके साथ मिलना जारी है।्यख्रद्मय्·र्ैंद्यह्लय् फ्ष्ठ द्बरु·र्ैंय्द्धध्ष्ठ ·र्ष्ठैं ्यध्ॅ ब्ह् फ्·र्ैंत्रय् ब्स् ख्रह् झ्ूय्ह्र ·र्ैंय् ्यप्ध्द्भइस बात के काफी मजबूत संकेत मिल रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम और मौजूदा मुख्यमंत्री ईडाप्पाडी के पलानीसामी का समर्थन वाला खेमा विलय के रास्ते पर आगे बढ सकता है। यह दोनों नेता एक साथ आकर दिनाकरण का मुकाबला करने की योजना बना रहे हैं क्योंकि लगभग दो महीने पहले पार्टी के मामलों से दूरी बनाए रखने की घोषणा करने वाले दिनाकरण एक बार फिर से पार्टी संबंधी मामलों में खुले तौर पर बोल रहे हैं। पलानीसामी खेमे की ओर से राज्य के वित्त मंत्री डी जयकुमार स्पष्ट रुप से सामने आए हैं और उन्होंने दिनाकरण की कार्यशैली पर प्रश्न उठाए हैं। इस पूरे मामले में अभी तक मुख्यमंत्री द्वारा कुछ भी नहीं कहा गया है।द्बैं्यख़य्द्भह्र ·र्ष्ठैं ·र्ैंय्द्भय्श्चध्द्भ द्बष्ठ्र ध्ख्य्ंश्च ख्ंश्च द्बरुद्भद्बैंख़य्र्‍ ·र्ैंर्‍ त्रडप्र्‍द्यइसी क्रम में राज्य विधानसभा में मंत्रियों के कार्यालय में एक अलग परिवर्तन देखने को मिल रहा है। पहले जहां मंत्रियों के कार्यालयों में सिर्फ राज्य की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की तस्वीरें होती थीं वहीं मौजूदा समय में मंत्रियों के कार्यालयों में पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के साथ ही मुख्यमंत्री पलानीसामी की तस्वीरें भी लगा दी गई हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि यह कदम मुख्यमंत्री के निर्देश पर उठाया गया है। राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया था कि नियमों के अनुसार सभी कार्यालयों में मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाई जाए। हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बात से इस बात के संकेत तो जरुर मिल गए हैं कि सत्तारुढ दल में सब कुछ पहले की तरह सामान्य नहीं है। मुख्यमंत्री द्वारा ऐसा करके अपने प्रभाव को कायम करने की कोशिश की जा रही है।डप्द्भैं द्बरुद्भद्बैंख़य्र्‍ द्धद्मद्मय् घ्य्ब्त्रष्ठ ब्स्र ्यख्रद्मय्·र्ैंद्यह्लय्जिस प्रकार दिनाकरण अन्नाद्रमुक अम्मा के विधायकों के साथ मुलाकात कर रहे हैं उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। दिनाकरण ने मीडिया से बातचीत के दौरान मंगलवार को कहा था कि उनके पास ३० विधायकों का समर्थन है हालांकि अब ऐसा कहा जा रहा है कि वह ५० विधायकों को अपने समर्थन में लाने में कामयाब हो गए हैं ओर अब उनके पास इतने विधायक हो चुके हैं कि वह सरकार गिरा सकते हैं। हालांकि अन्नाद्रमुक अम्मा में पलानीसामी का समर्थन करने वाले नेताओं का कहना है कि दिनाकरण के पास पहले भी इतने विधायक थे कि वह सरकार गिरा सकते थे। दिनाकरण की कोशिश राज्य में एक बार फिर से नेतृत्व परिवर्तन करने और पलानीसामी के स्थान पर किसी स्वयं को मुख्यमंत्री बनाने की है और यदि होता है तो सरकार गिरने की पूरी संभावना है।झ्स्त्रय्र्‍द्यफ्ष्ठत्प्द्ब-झ्ध्य्द्मर्‍फ्य्द्बर्‍ द्बष्ठ्र ब्ह् द्यब्र्‍ ख्रुञ्च् प्य्त्रय्श्चसूत्रों के अनुसार पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम गुट के बीच विलय के लिए वार्ता शुरु भी हो चुकी है। ऐसा बताया जा रहा है कि दोनों गुटों के बीच छह बार गुप्त रुप से बैठक हो भी चुकी है। सूत्रों के अनुसार दोनों पक्षों के बीच चल रही वार्ता के दौरान गुपचुप तरीके से इस बात पर सहमति बन रही है कि पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम एक साथ मिलकर सरकार बनाए। ऐसा कहा जा रहा है कि विलय वार्ता के शर्तों के अनुरुप पलानीसामी मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं और पन्नीरसेल्वम दोनों पक्षों के विलय के बाद संयुक्त पार्टी के महासचिव का पद ले सकते हैं। इसी क्रम में बुधवार को दिनाकरण का समर्थन करने वाले विधायकों पी वेट्रीवेल (पेरम्बूर), टी ए इलुमलै (पूनामल्ली), एम कोतानपंडी (तिरुपोरुर) ने मुख्यमंत्री पलानीसामी के साथ राज्य सचिवालय में मुलाकात की।

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