पहाड़ों की नई जीवनरेखा, इन खूबियों से ‘अटल’ बनी अटल सुरंग

पहाड़ों की नई जीवनरेखा, इन खूबियों से ‘अटल’ बनी अटल सुरंग

पहाड़ों की नई जीवनरेखा, इन खूबियों से ‘अटल’ बनी अटल सुरंग

अटल सुरंग का एक नजारा

रोहतांग/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां ‘अटल सुरंग’ का उद्घाटन किया। यह सुरंग यातायात के अलावा सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग भी है। जानिए, किन खूबियों से ‘अटल’ बनी अटल सुरंग:

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1. इसकी लंबाई 9.02 किलोमीटर है। पहले भारी बर्फबारी के कारण मनाली से लाहौल-स्पीति घाटी का मार्ग अवरुद्ध हो जाता था। करीब छह महीने तक घाटी अलग-थलग रहती थी लेकिन अब इस सुरंग ने मनाली से लाहौल-स्पीति घाटी पूरे साल जुड़ी रहेगी।

2. भौगोलिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इस सुरंग के निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। चूंकि यह हिमालय की पीर पंजाल शृंखला में औसत समुद्र तल से करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर है।

3. इस सुरंग के निर्माण से एक और बड़ा फायदा यह होगा कि मनाली और लेह के बीच सड़क दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। इससे यात्रा में लगने वाले करीब चार से पांच घंटे भी बचेंगे।

4. यह सुरंग घोड़े की नाल के आकार में 8 मीटर सड़क मार्ग के साथ सिंगल ट्यूब और डबल लेन से युक्त है। इसकी ओवरहेड निकासी 5.525 मीटर है। जबकि इसकी चौड़ाई 10.5 मीटर है। आपातकालीन स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरंग में 3.6x 2.25 मीटर का फायर प्रूफ निकास टनल बनाया गया है।

5. सुरंग के दोनों पोर्टल पर टनल प्रवेश बैरियर लगे हैं। यदि कोई आपातकालीन स्थिति आती है तो हर 150 मीटर दूरी पर टेलीफोन कनेक्शन की व्यवस्था की गई है।

6. इसके अलावा, हर 60 मीटर दूरी पर फायर हाइड्रेंट तंत्र लगाया गया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर 250 मीटर की दूरी पर सीसीटीवी कैमरों से युक्‍त स्‍वत: किसी घटना का पता लगाने वाली प्रणाली लगाई गई है।

7. सुरंग में हर 25 मीटर पर निकासी प्रकाश/निकासी संकेत हैं। वहीं, पूरी सुरंग में प्रसारण प्रणाली, हर 50 मीटर पर फायर रेटिड डैम्पर्स, हर 60 मीटर पर कैमरे और हर किलोमीटर की दूरी पर वायु गुणवत्ता निगरानी स्थापित की गई है।

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