एक बार विद्यार्थी हमेशा विद्यार्थी, परीक्षा के बाद अनुभव देते हैं सीखः बोम्मई
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए साहसिक फैसलों के कारण देश ने खतरे पर काबू पा लिया
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि मेडिकल की किताबों के मुकाबले अनुभव से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। सृष्टि निर्माता के अलावा डॉक्टरों में हीलिंग पावर होती है और उनके लिए मानवीय मूल्यों का होना जरूरी है।
आकाश इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर के एमबीबीएस 2016-17 के पहले बैच के पहले दीक्षांत समारोह को रविवार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कुछ भी वे पहली बार देखेंगे, वह हमेशा उनकी याददाश्त में रहेगा।
उन्होंने कहा कि पांच साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद विद्यार्थियों को अपने भविष्य के बारे में पता होना चाहिए। एक बार विद्यार्थी हमेशा विद्यार्थी होता है और डिग्री या प्रमाण पत्र प्राप्त करने का मतलब यह नहीं है कि सबकुछ पूरा हो गया है। हम कॉलेजों में पाठ्यक्रम का अध्ययन करते हैं, लेकिन परीक्षाओं के माध्यम से जीवन में बहुत कुछ सीखते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर होने के नाते उनमें दया भावना होनी चाहिए, क्योंकि उनके पास कई गरीब मरीज इलाज के लिए आएंगे। उन्हें उनके साथ घुलना-मिलना चाहिए और बीमारियों का इलाज करना चाहिए, तभी ज्ञान हमेशा उनके पास रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए साहसिक फैसलों के कारण देश ने खतरे पर काबू पा लिया। ऐसे समय में जब पूरी दुनिया ने माना कि 130 करोड़ से अधिक आबादी वाले भारत के लिए महामारी का सामना करना आसान काम नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर ही थे जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर लाखों लोगों की जान बचाई। हमने टीकों का निर्माण किया और उन्हें 200 करोड़ से अधिक बार लगाया। इस नेक काम में एमबीबीएस के छात्रों ने भी देश की सेवा की और उसे बचाया।
बोम्मई ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कठिन दिनों में आकाश अस्पताल के मुनिराजू मरीजों के इलाज के लिए 100 प्रतिशत बिस्तर देने के लिए आगे आए। विदेशों से लौटे लोगों को सुविधाएं देने का श्रेय उन्हीं को जाता है। मुनिराजू का उद्देश्य और दर्शन बहुत उच्च स्तर का था और जिसके कारण इस संस्था के विद्यार्थी सफलता प्राप्त करेंगे।
इस अवसर पर राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति एमके रमेश, एआईएमएस के अध्यक्ष मुनिराजू, पुष्पा मुनिराजू, डॉ. शिवप्रकाश और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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