'सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास डिफॉल्टरों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने की शक्ति नहीं'

उच्च न्यायालय के फैसले से ऐसे बैंकों द्वारा डिफॉल्टरों के खिलाफ जारी सभी एलओसी रद्द कर दी जाएंगी

'सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास डिफॉल्टरों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने की शक्ति नहीं'

Photo: bombayhighcourt Website

मुंबई/दक्षिण भारत। बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास डिफ़ॉल्ट उधारकर्ताओं के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करने की कानूनी शक्ति नहीं है।

उच्च न्यायालय के फैसले से ऐसे बैंकों द्वारा डिफॉल्टरों के खिलाफ जारी सभी एलओसी रद्द कर दी जाएंगी।

न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने केंद्र सरकार द्वारा जारी एक कार्यालय ज्ञापन के खंड को असंवैधानिक करार दिया, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अध्यक्षों को डिफ़ॉल्ट उधारकर्ताओं के खिलाफ एलओसी जारी करने का अधिकार दिया गया था।

केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील आदित्य ठक्कर ने उच्च न्यायालय से अपने आदेश पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन पीठ ने इन्कार कर दिया।

अदालत ने उक्त धारा की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया।

पीठ ने कहा कि आव्रजन ब्यूरो ऐसे एलओसी (डिफॉल्टरों के खिलाफ बैंकों द्वारा जारी) पर कार्रवाई नहीं करेगा।

न्यायालय ने यह भी कहा कि उसके फैसले से किसी भी डिफॉल्टर के खिलाफ ट्रिब्यूनल या आपराधिक अदालत द्वारा विदेश यात्रा पर रोक लगाने के आदेश पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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