अपने सपनों को सिर्फ लोकल न रखें, ग्लोबल बनाएं: मोदी

अपने सपनों को सिर्फ लोकल न रखें, ग्लोबल बनाएं: मोदी

हजारों करोड़ रुपए की ये कंपनियां आत्मनिर्भर होते, आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं


नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विभिन्न क्षेत्रों के स्टार्टअप कारोबारियों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि स्टार्टअप की यह संस्कृति देश के दूर-दराज क्षेत्रों तक पहुंचे, इसके लिए 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास देश में बचपन से ही छात्रों में इनोवेशन के प्रति आकर्षण पैदा करने, इनोवेशन को संस्थागत करने का है। 9,000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स, आज बच्चों को स्कूलों में इनोवेट करने, नए आइडिया पर काम करने का मौका दे रही हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के अलग-अलग विभाग, मंत्रालय, नौजवानों और स्टार्टअप्स के साथ संपर्क में रहते हैं। उनके आइडियाज को प्रोत्साहित करते हैं। सरकार की प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा युवाओ को इनोवेशन का मौका देने की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इनोवेशन को लेकर भारत में जो अभियान चल रहा है, उसी का प्रभाव है कि ग्लोबल इनोवेशन इन्डेक्स में भी भारत की रैंकिंग में बहुत सुधार आया है। वर्ष 2015 में इस रैंकिंग में भारत 81वें नंबर पर था। अब इनोवेशन इंडेक्स में भारत 46 नंबर पर है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस स्पीड और स्केल में आज भारत का युवा स्टार्टअप बना रहा है, वो वैश्विक महामारी के इस दौर में भारतीय की प्रबल इच्छा शक्ति और संकल्प शक्ति का प्रमाण है। पहले बेहतरीन से बेहतरीन समय में इक्का-दुक्का कंपनियां ही बड़ी बन पाती थीं, लेकिन बीते साल तो 42 यूनिकॉर्न देश में बने हैं।

हजारों करोड़ रुपए की ये कंपनियां आत्मनिर्भर होते, आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं। आज भारत तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है। मैं मानता हूं, भारत के स्टार्टअप्स का स्वर्णिम काल तो अब शुरू हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के स्टार्टअप्स खुद को आसानी से दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचा सकते हैं। इसलिए आप अपने सपनों को सिर्फ लोकल न रखें, बल्कि ग्लोबल बनाएं। इस मंत्र को याद रखिए- let's Innovate for India, innovate from India (आइए भारत के लिए नवप्रवर्तन करें, भारत से नवप्रवर्तन करें)।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के इस दशक में आपको यह बात ध्यान रखनी है कि जिस स्पीड से, जिस स्केल में आज सरकार गांव-गांव तक डिजिटल एक्सेस देने के लिए काम कर रही है,उससे भारत में करीब 100 करोड़ इंटरनेट यूजर होने वाले हैं। मेरा स्टार्टअप्स से आग्रह है कि आप गांवों की तरफ भी बढ़ें।

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