दूसरी चैंपियंस ट्राफी से भारत को मिला युवराज

दूसरी चैंपियंस ट्राफी से भारत को मिला युवराज

नई दिल्ली। केन्या के नैरोबी में वर्ष २००० में आईसीसी चैंपियंस ट्राफी के दूसरे संस्करण में भारतीय क्रिकेट को उसका युवराज दे दिया।भारत वर्ष २००० के इस टूर्नामेंट में फाइनल में पहुंचकर न्यूजीलैंड से पराजित हुआ था। लेकिन इस टूर्नामेंट में उसका ओवरऑल प्रदर्शन शानदार रहा और खासतौर पर युवराज सिंह के उदय ने भारत को एक ऐसा बल्लेबाज दे दिया जिसने वर्ष २००७ के पहले ट्वंटी २० विश्वकप में एक ओवर में छह छक्के मारकर सिक्सर किंग का खिताब पाया और फिर वर्ष २०११ के विश्वकप में २८ वर्ष बाद भारत की खिताबी जीत में मैन ऑफ द टूर्नामेंट बने।चैंपियंस ट्राफी के दूसरे संस्करण में भारत को मेजबान केन्या से प्री क्वार्टरफाइनल मुकाबला खेलना प़डा। केन्या की टीम ५० ओवर में नौ विकेट पर २०८ रन ही बना पाई। तेज गेंदबाज जहीर खान ने तीन विकेट लिए जबकि अजीत आगरकर, वेंकटेश प्रसाद और अनिल कुंबले के हाथ दो दो विकेट लगे। भारत ने कप्तान सौरभ गांगुली के ६६ और राहुल द्रवि़ड के नाबाद ६८ से ४२.३ ओवर में ही दो विकेट पर २०९ रन बनाकर मैच जीत लिया। कुुंबले मैन ऑफ द मैच बने।युवराज ने इस मैच से अपने एकदिवसीय करियर का पदार्पण किया। लेकिन इस मैच में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिल पाया। हालांकि गेंदबाजी में युवराज ने चार ओवर में १६ रन दिए। इस मैच से युवराज रूपी सितारे का उदय हो गया। युवराज के साथ साथ इसी मैच से जहीर और विकेटकीपर विजय दहिया ने भी अपना एकदिवसीय पदार्पण किया। भारत का क्वार्टरफाइनल में मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के साथ हुआ। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नौ विकेट पर २६५ रन बनाए। युवराज ने मात्र ८० गेंदों पर १२ चौकों की मदद से ८४ रन की चमकदार पारी खेलकर सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। ऑस्ट्रेलियाई टीम ४६.४ ओवर में २४५ रन पर लु़ढक गई। युवराज को मैन आफ द मैच का पुरस्कार मिला। इस तरह उन्होंने अपने दूसरे ही वनडे में मैन आफ द मैच का पुरस्कार हासिल कर लिया।सेमीफाइनल में भारत की भि़डंत मजबूत दक्षिण अफ्रीका से थी। भारत ने कप्तान गांगुली के १४२ गेंदों में ११ चौकों और छह छक्कों के सहारे बने नाबाद १४१ रन की मदद से छह विकेट पर २९५ रन का ब़ढा स्कोर बनाया। सचिन तेंदुलकर ने ३९, राहुल द्रवि़ड ने ५८ और युवराज ने ४१ रन बनाए। इसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम ४१ ओवर में २०० रन पर लु़ढक गई। जहीर, कुंबले और सचिन ने दो दो विकेट लिए। गांगुली मैन ऑफ द मैच बने। फाइनल में भारत की भि़डंत न्यूजीलैंड से हुई। रोमांचक मुकाबले में न्यूजीलैंड ने चार विकेट से जीत हासिल की जो आईसीसी टूर्नामेंटों में उसकी अब तक एकमात्र खिताबी जीत है। गांगुली ने सेमीफाइनल के बाद फाइनल में भी शतक ठोका। उन्होंने १३० गेंदों में नौ चौकों और चार छक्कों की मदद से ११७ रन बनाए। सचिन ने ६९ और द्रवि़ड ने २२ रन बनाए।न्यूजीलैंड ने ऑलराउंडर क्रिस केर्न्स के विस्फोटक नाबाद १०२ रन की मदद से ४९.४ ओवर में छह विकेट पर २६५ रन बनाकर खिताबी जीत हासिल कर ली। केर्न्स को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला। गांगुली ने इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक ३४८ रन बनाए जबकि वेंकटेश प्रसाद ने सर्वाधिक आठ विकेट लिए। दूसरी आईसीसी चैंपियंस ट्राफी ने भारत को युवराज के साथ साथ बायें हाथ का तेज गेंदबाज जहीर खान भी दिया। जहीर तो अब संन्यास ले चुके हैं लेकिन युवराज एक जून से इंग्लैंड में शुरू होने वाली चैंपियंस ट्राफी में एक बार फिर भारतीय टीम का हिस्सा हैं। युवराज ने विश्वास व्यक्त किया है कि वह भारत को अपना खिताब बचाने में पूरा योगदान देंगे।

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