दिसंबर 2022 तक ‘वर्क फ्रॉम होम’, मेट्रो कार्य के मद्देनजर यात्रा में करें कटौती

दिसंबर 2022 तक ‘वर्क फ्रॉम होम’, मेट्रो कार्य के मद्देनजर यात्रा में करें कटौती

दिसंबर 2022 तक ‘वर्क फ्रॉम होम’, मेट्रो कार्य के मद्देनजर यात्रा में करें कटौती

प्रतीकात्मक चित्र। फोटो स्रोत: PixaBay

ओआरआर स्थित आईटी कंपनियों को राज्य सरकार की सलाह

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कोरोना महामारी के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, बीटी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने आउटर रिंग रोड (ओआरआर) स्थित आईटी कंपनियों और पार्कों को अपने अधिकांश कर्मचारियों को दिसंबर 2022 तक वर्क फ्रॉम होम की सलाह देते हुए पत्र लिखा है।

पत्र में उल्लेख किया गया है कि इससे मेट्रो अपने जारी कार्यों को बेहतर ढंग से अंजाम दे सकेगी। यह पत्र उद्योग निकाय नैसकॉम को भेजा गया है। वहां से इसे ओआरआर स्थित आईटी फर्मों तक पहुंचाए जाने की उम्मीद है।

इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव ईवी रमना रेड्डी ने पत्र में कहा कि बेंगलूरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (बीएमआरसीएल) ओआरआर पर सेंट्रल सिल्क बोर्ड से केआर पुरम तक मेट्रो का निर्माण शुरू कर रहा है। इसे डेढ़ से दो साल तक बढ़ाया जा सकता है।

ओआरआर में करीब 1.5 लाख आईटी पेशेवर काम करते हैं। यहां 800 से ज्यादा कंपनियां हैं जहां लोगों की आवाजाही की वजह से यातायात हमेशा व्यस्त रहता है।

सलाह में क्या कहा गया है?
आईटी कंपनियों से दिसंबर 2022 तक वर्क फ्रॉम होम विकल्प का विस्तार करने और / या दफ्तरों में शारीरिक रूप से उपस्थित होकर काम करने वाले कर्मचारियों के काम के घंटों को कम करने का आग्रह किया गया है। इसमें कहा गया है कि आईटी कर्मचारियों को जिन्हें कार्यालय में शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता होती है, उन्हें बसों (बीएमटीसी / कंपनी) में यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

इस पर भी गौर करें
शहरी भूमि परिवहन निदेशालय (डीयूएलटी) आयुक्त वी मंजुला ने कहा, ‘हम सलाह को संशोधित करेंगे क्योंकि हम समझते हैं कि इससे अनजाने में यह माना जा सकता है कि हम सुझाव दे रहे हैं कि वे घर से काम करें।’

यह जानना जरूरी
रेड्डी ने कहा, ‘विचार यह नहीं था।, बल्कि ऐसा सुझाव देना था कि वे कर्मचारियों को परिवहन के लिए बसों या साइकिल जैसे विभिन्न विकल्पों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें।’ उन्होंने स्पष्ट किया डीयूएलटी के अनुरोध पर नैसकॉम को लिखा गया है। यह केवल एक सलाह है। कंपनियों के लिए ऐसा करना अनिवार्य नहीं है। यदि जरूरी हो तो वे दफ्तरों से फिर काम शुरू करने के लिए स्वतंत्र होंगी।’

अपर मुख्य सचिव शहरी विकास राकेश सिंह ने कहा कि कार्य के कारण जनता को थोड़ी असुविधा तो झेलनी ही पड़ेगी। हम समय सीमा से पहले अपनी परियोजनाओं को पूरा करके इसे कम करने की पूरी कोशिश करेंगे।

क्या कहती हैं कंपनियां?
हालांकि इस सलाह पर टिप्पणी करते हुए कुछ कंपनियों ने कहा कि इससे उनके संचालन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, चूंकि कोरोना काल में कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम में कुशल हो गए हैं। वहीं, एक कंपनी के प्रबंधक ने कहा कि उन्हें सरकार द्वारा संशोधित बयान जारी करने की उम्मीद है। इसके बाद ही इस पर कोई प्रति​क्रिया दी जा सकती है।

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