बीबीएमपी सीमा के भीतर भवन निर्माण के लिए ऑनलाइन मिलेगी मंजूरी

डीके शिवकुमार ने की 'नम्बिके नक्शे' योजना की घोषणा

बीबीएमपी सीमा के भीतर भवन निर्माण के लिए ऑनलाइन मिलेगी मंजूरी

Photo: DKShivakumar.official FB Page

पहले 2 क्षेत्रों में पायलट आधार पर शुरू हुई थी योजना

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार को महत्त्वपूर्ण घोषणा की, जिसका फायदा बीबीएमपी की सीमा के भीतर भवन निर्माण करने वालों को मिलेगा। इसके तहत 4,000 वर्ग फीट तक के स्थलों पर निर्माण को ऑनलाइन मंजूरी दी जाएगी।

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बता दें कि पहले, यह योजना बीबीएमपी के दो क्षेत्रों में पायलट आधार पर शुरू की गई थी। इसके अनुभव उत्साहजनक होने के बाद अब इसे बीबीएमपी के अधिकार वाले सभी क्षेत्रों में लागू किया गया है।

'नम्बिके नक्शे' नामक इस योजना के जरिए संपत्ति के मालिकों को 50 x 80 वर्ग फीट तक की जमीन पर भवन बनाने के लिए ऑनलाइन मंजूरी दी जाएगी। इस तरह उन्हें बीबीएमपी के दफ्तर जाने की जरूरत नहीं होगी। नम्बिके नक्शे से काम काफी आसान और जल्दी हो जाएगा। वहीं, नागरिकों का समय और श्रम भी बचेगा। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता भी ज्यादा होगी।

पहले यह योजना पायलट आधार पर आरआर नगर और दशरहल्ली क्षेत्रों में शुरू की गई थी। इसके बाद इसे अन्य क्षेत्रों में लागू करने का फैसला लिया गया।

डीके शिवकुमार ने विधानसौधा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 'नम्बिके नक्शे' योजना भूखंड मालिकों को अधिकृत आर्किटेक्ट या इंजीनियर द्वारा अनुमोदन के साथ प्रोवि​जनल बिल्डिंग प्लान प्राप्त करने और फिर बीबीएमपी द्वारा अंतिम मंजूरी के लिए इसे ऑनलाइन अपलोड करने की अनुमति देती है। यह 50 x 80 वर्ग फीट तक के सभी स्थलों पर निर्माण के लिए लागू होगी।

ऐसे होगा काम

'नम्बिके नक्शे' के तहत जमीन के मालिक को भूखंड के मालिकाना हक, राजस्व रिकॉर्ड जैसे जरूरी दस्तावेजों के साथ अधिकृत आर्किटेक्ट/इंजीनियर को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। वहां से प्रोवि​जनल प्रमाण-पत्र मिलने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। फिर, बीबीएमपी के इंजीनियर साइट का निरीक्षण करेंगे।

डीके शिवकुमार ने कहा कि इस योजना से यह सुनिश्चित होगा कि लोगों को मंजूरी पाने के लिए चक्कर लगाने न पड़ें। योजना को दो क्षेत्रों में पायलट आधार पर शुरू करने के बाद अब इसे पूरे बीबीएमपी क्षेत्र में लागू कर दिया गया है।

बुनियादी ढांचे पर ध्यान

आउटर रिंग रोड कंपनी एसोसिएशन द्वारा आईटी कॉरिडोर में बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने के अनुरोध के संबंध में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एनजीटी के नियमों के अनुसार, राजा कलुवे (तूफानी जल नालियों) के किनारे 50 मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों की पहचान की गई है, जहां राजा कलुवे के साथ 30 फीट की सड़क बनाई जाएगी। संबंधित भूमि के मालिकों को टीडीआर के जरिए मुआवजा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हेब्बल, नागवारा, बेलंदूर, बेंगलूरु दक्षिण के आसपास जमीन की पहचान कर ली गई है। पहले चरण में लगभग 100 किमी लंबी सड़कें बनाई जाएंगी। सड़कें बसों के लिए नहीं, बल्कि अन्य वाहनों के लिए खुली रहेंगी। इसके लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इस मुद्दे पर कैबिनेट में भी चर्चा हुई है।

15 दिनों में भरें गड्ढे

उपमुख्यमंत्री ने बीबीएमपी को शहर के सभी गड्ढों को भरने के लिए 15 दिन की समय-सीमा तय की है। इस संबंध में कई शिकायतें मिली थीं। उन्होंने बताया कि शहर में 2,795 गड्ढों की पहचान की गई है। मुख्य रास्तों की मरम्मत का काम भी किया जाएगा। इस पर 660 करोड़ रुपए की लागत आएगी।

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