'ट्रंप टैरिफ' लागू होने के बाद आरबीआई ने उठाया यह कदम
लोगों को कितनी राहत मिलेगी?

Photo: @reservebankofindia593 YouTube Channel
मुंबई/दक्षिण भारत। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती की तथा भविष्य में और ज्यादा कटौती का संकेत दिया, क्योंकि इसका उद्देश्य अमेरिकी टैरिफ के कारण बढ़ते दबाव के मद्देनजर अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी), जिसमें तीन केंद्रीय बैंक सदस्य और समान संख्या में बाहरी सदस्य शामिल हैं, ने सर्वसम्मति से पुनर्खरीद या रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करके इसे 6 प्रतिशत करने के लिए मतदान किया था। इसने फरवरी में भी दरों में इतनी ही कटौती की थी।मुद्रास्फीति में कमी और तेल की कीमतों में गिरावट के बीच, इस कदम से उधार लेने की लागत नवंबर 2022 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ जाएगी।
रिजर्व बैंक ने वैश्विक व्यापार और नीतिगत अनिश्चितताओं के प्रभाव के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास अनुमान को पहले के 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया।
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने नतीजों का अनावरण करते हुए कहा कि वर्ष 2025-26 में स्वस्थ जलाशय स्तरों और मजबूत फसल उत्पादन के कारण कृषि क्षेत्र की संभावनाएं उज्ज्वल बनी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि विनिर्माण गतिविधि में सुधार के संकेत दिख रहे हैं और व्यावसायिक उम्मीदें मजबूत बनी हुई हैं, जबकि सेवा क्षेत्र की गतिविधि लचीली बनी हुई है।
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