नौकरी के नाम पर साइबर गुलामी! 60 भारतीयों को म्यांमार से बचाया गया
एक विदेशी नागरिक सहित पांच एजेंट गिरफ्तार

Photo: PixaBay
मुंबई/दक्षिण भारत। महाराष्ट्र पुलिस की साइबर शाखा ने म्यांमार में साइबर गुलामी के लिए मजबूर किए गए 60 से अधिक भारतीय नागरिकों को बचाया और एक विदेशी नागरिक सहित पांच एजेंटों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने इस संबंध में तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं।उन्होंने बताया कि रैकेट चलाने वाले लोग सोशल मीडिया के माध्यम से पीड़ितों से संपर्क करते थे और उन्हें थाईलैंड तथा अन्य पूर्वी एशियाई देशों में बढ़िया वेतन वाली नौकरियों का प्रस्ताव देते थे।
एजेंटों ने पीड़ितों के लिए पासपोर्ट और हवाई जहाज के टिकट का प्रबंध किया और उन्हें पर्यटक वीजा पर थाईलैंड भेज दिया। देश में उतरने के बाद, उन्हें म्यांमार सीमा पर भेज दिया गया, जहां उन्हें छोटी नावों में नदी पार कराई गई।
म्यांमार में प्रवेश करने पर, पीड़ितों को सशस्त्र विद्रोही समूहों द्वारा नियंत्रित संरक्षित परिसरों में ले जाया जाता था, जहां 'डिजिटल गिरफ्तारी' घोटाले से लेकर औद्योगिक पैमाने पर फर्जी निवेश योजनाओं तक साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जाता था।
अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र साइबर ने अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर पीड़ितों को बचाया। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह अभियान म्यांमार के अंदर चलाया गया था या नहीं।
उन्होंने बताया कि पीड़ितों से पूछताछ में एजेंटों और धोखाधड़ी करने वाली कॉल सेंटर कंपनियों के एक नेटवर्क के बारे में पता चला, जो भारत से नौकरी के इच्छुक लोगों को अपने जाल में फंसाते थे।
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