कर्नाटक: कैबिनेट ने 5 गारंटियों को लागू करने का फैसला लिया
मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने संवाददाताओं से कहा ...
यहां जानिए उन गारंटियों के बारे में
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने कहा कि कर्नाटक मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को बिना किसी जाति या धर्म के भेदभाव के 'पांच गारंटियों' को इस वित्तीय वर्ष के भीतर लागू करने का फैसला लिया है।
बैठक की अध्यक्षता करने वाले सिद्दरामैया ने संवाददाताओं से कहा कि कैबिनेट ने पांच गारंटी और उनके कार्यान्वयन के बारे में विस्तृत चर्चा की और इस निर्णय पर पहुंची है।बता दें कि कांग्रेस ने कर्नाटक की सत्ता में आने से पहले 'पांच गारंटियों' को लागू करने का वादा किया था, जो इस प्रकार हैं-
1. गृह ज्योति: सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली।
2. गृह लक्ष्मी: हर परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपए मासिक सहायता।
3. अन्ना भाग्य: बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो मुफ्त चावल।
4. युवानिधि: बेरोजगार स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपए और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों के लिए 1,500 रुपये (दोनों 18-25 आयु वर्ग में)।
5. शक्ति: सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा।
सिद्दरामैया ने कहा कि हर घर को प्रति माह 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की गृह ज्योति योजना 1 जुलाई से लागू की जाएगी। हालांकि ग्राहकों को बकाया राशि का भुगतान करना होगा।
गृह लक्ष्मी योजना के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह 15 अगस्त से लागू होगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए आवेदन 15 जून से 15 जुलाई तक ऑनलाइन भी जमा किया जा सकता है। जो आवेदक इस योजना के तहत लाभार्थी बनना चाहते हैं, उन्हें अपने आवेदन के साथ अपना आधार और बैंक खाता विवरण जमा कराना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना बीपीएल और एपीएल कार्ड धारकों, दोनों के लिए लागू होगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
सिद्दरामैया ने यह भी घोषणा की कि 'अन्ना भाग्य' के तहत एक जुलाई से बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य और अंत्योदय कार्ड धारकों को 10 किलो अनाज दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 'शक्ति' के तहत एक जून से कर्नाटक में एसी, लग्जरी बसों के अलावा सार्वजनिक परिवहन की बसों में महिलाएं मुफ्त यात्रा कर सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केएसआरटीसी पुरुषों के लिए 50 प्रतिशत और महिलाओं के लिए शेष सीटें आरक्षित करेगा।
इसके अलावा, 'युवानिधि' योजना के तहत 2022-23 में स्नातक करने वाले बेरोजगार युवाओं को पंजीकरण की तारीख से 24 महीने के लिए स्नातकों के लिए 3,000 रुपए और डिप्लोमा धारकों के लिए 1,500 रुपए की बेरोजगारी सहायता प्रदान की जाएगी। अगर उन्हें इस बीच नौकरी मिल जाती है तो सहायता बंद कर दी जाएगी।