मप्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की छुट्टी हुई, अब लोकसभा चुनाव में सफाया होना तयः मोदी
प्रधानमंत्री ने को मध्य प्रदेश के झाबुआ में जन जातीय महासभा को संबोधित किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए जनजातीय समाज वोट बैंक नहीं, देश का गौरव है
झाबुआ/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मध्य प्रदेश के झाबुआ में जन जातीय महासभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कुछ देर पहले मैंने झाबुआ, खरगोन, खंडवा, बड़वानी, धार, अलीराजपुर समेत पूरे मप्र के लिए हजारों करोड़ रुपए की योजनाओं का लोकार्पण भी किया है।
एक साथ विकास के इतने सारे काम ये बता रहे हैं, मध्य प्रदेश में नई बनी डबल इंजन की सरकार डबल तेजी से काम कर रही है। विकास के इस महाभियान का श्रेय मध्य प्रदेश की जनता को जाता है। मैं आप सबको इसके लिए बधाई देता हूं।प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां आपके बीच आने से पहले मैंने देखा कि मेरी इस यात्रा को लेकर खूब चर्चाएं भी हो रही हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि मोदी मध्य प्रदेश में झाबुआ से लोकसभा की लड़ाई का आगाज करेगा। मैं बताना चाहता हूं कि मोदी लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए नहीं आया है। मोदी तो सेवक के तौर पर ईश्वर रूपी मप्र की जनता-जनार्दन का आभार करने आया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में विधानसभा के नतीजों से आप पहले ही बता चुके हैं कि लोकसभा के लिए आपका मूड क्या रहने वाला है। इसलिए इस बार विपक्ष के बड़े-बड़े नेता पहले से ही कहने लगे हैं- साल 2024 में 400 पार, फिर एक बार मोदी सरकार।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की छुट्टी हुई थी, साल 2024 के लोकसभा चुनाव में सफाया होना तय है। बीते वर्षों में मध्य प्रदेश ने दो अलग-अलग दौर देखे हैं- एक डबल इंजन सरकार का दौर और दूसरा कांग्रेस के जमाने का काला दौर! कम उम्र के युवाओं को शायद याद भी नहीं होगा, आज विकास के रास्ते पर तेजी से दौड़ रहा मध्य प्रदेश भाजपा सरकार से पहले देश के सबसे बीमारू राज्यों में गिना जाता था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश को बीमारू बनाने के पीछे सबसे बड़ी वजह थी. गांव, गरीब और आदिवासी इलाकों को लेकर कांग्रेस का नफरत भरा रवैया! इन लोगों ने न कभी आदिवासी समाज के विकास की चिंता की, न उसके सम्मान के बारे में सोचा। इनके लिए तो जनजातीय लोगों का मतलब केवल कुछ वोट होता था। इन्हें गांव, गरीब, पिछड़ा की याद तब आती थी, जब चुनाव की घोषणा होती थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए जनजातीय समाज वोट बैंक नहीं, देश का गौरव है। आपका सम्मान भी और आपका विकास भी... यह मोदी की गारंटी है। आपके सपने, आपके बच्चों के सपने, नौजवानों के सपने... यह मोदी का संकल्प है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में मैंने देखा था कि आदिवासी पट्टों में स्कूलों की कमी के कारण बच्चों को स्कूल जाने के लिए कई किलोमीटर चलना पड़ता था। मैं मुख्यमंत्री बना तो इन पट्टों में मैंने स्कूल खुलवाए। अब आदिवासी बच्चों के लिए मैं देशभर में एकलव्य आवासीय स्कूल खुलवा रहा हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने इतने वर्षों में 100 ही एकलव्य स्कूल खोले थे, जबकि भाजपा की सरकार ने अपने 10 साल में ही इससे चार गुना ज्यादा एकलव्य स्कूल खोल दिए हैं। एक भी आदिवासी बच्चा शिक्षा के अभाव में पीछे रह जाए, यह मोदी को मंजूर नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा आदिवासी समाज हजारों वर्षों से वन संपदा से अपनी रोजी-रोटी चलाता है। कांग्रेस के समय में आदिवासियों के उस अधिकार पर कानूनी पहरे लगा दिये गए थे। वन संपदा कानून में बदलाव करके हमारी सरकार द्वारा आदिवासी समाज को वन भूमि से जुड़े अधिकार लौटाए गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने वर्षों से आदिवासी परिवारों में सिकल सेल एनीमिया हर वर्ष सैकड़ों लोगों की जान ले रहा था। केंद्र और राज्यों में दोनों जगह कांग्रेस ने इतने वर्ष सरकार चलाई, लेकिन उन्होंने असमय मृत्यु को प्राप्त होते जनजातीय युवाओं की, बच्चों की चिंता नहीं की। लेकिन हमारे लिए वोट नहीं, जिंदगी मायने रखती है। हमने वोट बैंक के लिए नहीं, आदिवासी समाज के स्वास्थ्य के लिए सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ अभियान शुरू किया। यह कांग्रेस और हमारी नीयत में फर्क बताता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जो सबसे वंचित है, सबसे पिछड़ा है, हमारी सरकार में वो सबसे पहली प्राथमिकता है। सबसे पिछड़े जनजातीय समूहों के लिए हमने पीएम-जनमन योजना शुरू की। जो जनजातीय समाज अब तक विकास की मुख्य धारा से कटा हुआ था, जनमन योजना के तहत उनका तेज विकास शुरू किया गया है। इसका लाभ यहां इस क्षेत्र की बैरा, भारिया और सहरिया जैसे जनजातीय समूहों को होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मप्र में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास ध्यान दे रही है। कांग्रेस सरकार के 10 वर्षों में मप्र को रेलवे के विकास के लिए जितना पैसा मिला, आज हम उससे 24 गुना ज्यादा पैसा भेज रहे हैं।