5 महीने चलीं उन फांसियों का रईसी से भी था गहरा संबंध! इजराइली मीडिया ने फिर किया जिक्र
उस दौरान कम से कम 2,800 या 3,800 लोगों को फंदे पर लटकाया गया था
Photo: Netanyahu FB page
तेलअवीव/दक्षिण भारत। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत की घटना को इजराइली मीडिया ने भी प्रमुखता प्रकाशित किया है। उसने कहा है कि ईरानी राष्ट्रपति रईसी, जिनकी रविवार को 63 वर्ष की उम्र में एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई, देश के सर्वोच्च नेता के कट्टरपंथी शिष्य थे।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, साल 1988 में हजारों लोगों की सामूहिक फांसी की निगरानी में उनकी भूमिका के लिए 'तेहरान का कसाई' उपनाम दिया गया था। रईसी ने अपने देश का ऐसे समय में नेतृत्व किया, जब उसने हथियार-ग्रेड स्तर के करीब यूरेनियम को समृद्ध किया और इज़राइल पर एक बड़ा ड्रोन व मिसाइल हमला किया।ईरान के विदेश मंत्री और अन्य अधिकारियों के साथ रईसी की अचानक मौत तब हुई है, जब यह देश आंतरिक असंतोष और दुनिया के कई देशों के साथ अपने संबंधों से जूझ रहा है।
रईसी, जो साल 2017 में अपेक्षाकृत उदारवादी सत्ताधारी हसन रूहानी से राष्ट्रपति चुनाव हार गए थे, चार साल बाद सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई द्वारा किसी भी प्रमुख विपक्षी उम्मीदवार को मंजूरी देने के लिए सावधानीपूर्वक प्रबंधित वोट से सत्ता में आए।
अपने चुनाव के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में जब रईसी से साल 1988 की फांसियों के बारे में पूछा गया, जिनमें राजनीतिक कैदियों और अन्य लोगों को निशाना बनाया गया था, तो वे इस सवाल को टाल गए थे।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, ईरानी अधिकारियों द्वारा राजनीतिक कैदियों की सामूहिक फांसियों का एक सिलसिला पूरे ईरान में चला था। यह 19 जुलाई, 1988 को शुरू हुआ और लगभग पांच महीने तक लोगों को फांसियां दी गईं। कहा जाता है कि उस दौरान कम से कम 2,800 या 3,800 लोगों को फंदे पर लटकाया गया था। कुछ रिपोर्टों में यह संख्या 30,000 तक बताई गई है।