राजनीति में रजनीकांत को किनारे करने की कोशिश कर रहे कमल?
राजनीति में रजनीकांत को किनारे करने की कोशिश कर रहे कमल?
चेन्नई/दक्षिण भारतकावेरी मुद्दे को लेकर राज्य में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। इसके साथ ही इस मुद्दे को लेकर सभी पार्टियां अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में भी लगी हैं। ऐसे में हाल ही में अपनी नई पार्टी मक्कल निधि मय्यम के माध्यम से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन भी कहां पीछे रहने वाले हैं। कमल हासन फिल्म जगत में भी रजनीकांत के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं और अब राजनीति में भी रजनीकांत को ही उनका मुख्य प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है ऐसे में कमल ने रजनीकांत के खिलाफ अपनी राजनीतिक चाल चलनी शुरु कर दी है जिसकी एक बानगी रविवार को शहर के वल्लुवर कोट्टम में दक्षिण भारतीय फिल्म कलाकार संघ द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान देखने को मिली।हालांंकि मंच पर पहुंचने के बाद रजनीकांत और कमल हासन ने एक दूसरे को काफी गर्मजोशी के साथ गले लगाया लेकिन जब कमल की बोलने की बारी आई तो यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया कि रजनीकांत और कमल हासन के बीच फिल्मी करियर के दौरान रही पेशेवर प्रतिद्वंद्विता राजनीतिक क्षेत्र में भी जारी है। कमल ने वल्लुवर कोट्टम में मंच से फिल्म उद्योग के कलाकारों के बचीबहुत ही सधे हुए अंदाज में रजनीकांत को ’’बाहरी’’ बता डाला। गौरतलब है कि पिछले दिनों भी दोनों नेताओं के रिश्ते में तल्खी देखने को मिली थी। उनके इस बयान से यह भी पता चलता है कि राजनीति में उतरे अभी कमल हासन को भले ही ज्यादा दिन नहीं हुए हैं लेकिन वह राजनीतिक दांवपेंच में माहिर हो गए हैं।पिछले कुछ समय से वह लगातार खुद के तमिलनाडु होने का मुद्दा उठा रहे हैं और रजनीकांत को बाहरी बताने की कोशिश कर रहे हैं। कमल हासन ऐसा करके स्थानीय लोगों की तमिल भावना की कमजोर नस टटोलने की कोशिश कर रहे हैं जिससे भविष्य में होने वाले चुनावों में उनकी पार्टी को फायदा मिल सकता है। हाल ही में कमल हासन ने अन्ना विश्वविद्यालय के कुलपति के रुप में मूल रुप से कर्नाटक के रहने वाले एम सुरप्पा की नियुक्ति को लेकर तंज कसते हुए कहा था कि तमिलनाडु ने नदी का पानी मांगा और हमारे विश्वविद्यालय को कर्नाटक का कुलपति दे दिया गया। हालांकि दूसरा ट्वीट कर कमल ने कहा कि वह केवल सरकार पर तंज कस रहे थे। उन्होंने अपने गुरु, सहयोगियों के साथ ही रजनीकांत का नाम भी लेते हुए कहा कि यह सभी ’’बाहरी’’ होने के बावजूद मेरे ’’अपने’’ हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य की राजनीति में स्थानीयता का मुद्दा हावी रहता है। कावेरी जल विवाद को लेकर तमिलनाडु का कर्नाटक से रिश्ता भी सामान्य नहीं है। ऐसे में कमल हासन ने मंझे हुए राजनीतिक खिला़डी की तरह तमिल राजनीति में रजनीकांत को किनारे करने की कोशिश कर रहे है। ज्ञातव्य है कि रजनीकांत का जन्म बेंगलुरू में हुआ था। देश की राजनीति में इन दोनों सुपरस्टारों के आगमन से मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। दोनों ने ही राज्य विधानसभा में उतरने की घोषणा कर दी है।