कोई भी राज्य सरकार उप्र के प्रवासी कामगारों से ट्रेन का किराया न ले: योगी आदित्यनाथ

कोई भी राज्य सरकार उप्र के प्रवासी कामगारों से ट्रेन का किराया न ले: योगी आदित्यनाथ

लखनऊ/भाषा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों/श्रमिकों से ट्रेन का किराया न ले। उत्तर प्रदेश सरकार अपने सभी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के ट्रेन का किराया वहन करते हुए इन्हें प्रदेश में निशुल्क ला रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश वापस आने के इच्छुक प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को लाने के लिए सभी संबंधित राज्यों से ट्रेन संचालित की जाए।

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मुख्यमंत्री योगी मंगलवार को यहां लोक भवन में उच्च स्तरीय बैठक में लॉकडाउन (बंद) की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य सरकार ने 16 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की प्रदेश में सकुशल व सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है। विभिन्न राज्यों से 8.52 लाख प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को लेकर 656 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें प्रदेश में आ चुकी हैं।

अगले दो दिन में 258 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें और आएंगी। इस प्रकार कुल 914 ट्रेनों की व्यवस्था कर दी गयी है। राज्य सड़क परिवहन निगम की 12 हजार बसों के माध्यम से प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को उनके गृह जनपद में भेजने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, प्रत्येक जिलाधिकारी के निवर्तन पर 200 बसें रखते हुए इस प्रकार सभी 75 जनपदों में 15 हजार बसें अतिरिक्त रूप से उपलब्ध कराई गई हैं।

16 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के बाद लगभग इतनी संख्या में प्रवासी कामगार/श्रमिक अभी और आ सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने पृथक-वास केंद्रों तथा सामुदायिक रसोई व्यवस्था को वर्तमान की भांति आने वाले समय में भी सुचारू और व्यवस्थित बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक-वास केंद्रों तथा सामुदायिक रसोई व्यवस्था को और सुदृढ़ करते हुए आवश्यकतानुसार सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएं। साफ-सफाई तथा सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाए। पृथक-वास केंद्रों/आश्रय स्थल में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को शुद्ध एवं पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध कराया जाए। पृथक-वास केंद्रों में पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था की जाए, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा की जांच की जा सके।

मुख्यमंत्री योगी ने निषिद्ध क्षेत्र में होम डिलीवरी सुविधा को जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों, पृथक-वास केंद्रों तथा घर पर पृथक-वास में रहने वाले लोगों के घरों को सेनिटाइज किया जाए। हॉटस्पॉट क्षेत्र के प्रत्येक घर को सेनिटाइज किया जाए।

उन्होंने बंद के दौरान गश्त बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि हाई-वे, एक्सप्रेस-वे पर पीआरवी 112 के माध्यम से तथा बाजारों आदि में पैदल गश्त की जाए। ग्रामीण इलाकों में सघन गश्त के लिए होमगार्ड तथा पीआरडी कर्मियों के साथ-साथ 60 वर्ष से कम आयु के भूतपूर्व सैनिकों की सेवाएं ली जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं पर भी भीड़ एकत्र न होने पाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जनपद में जांच के लिए एक प्रयोगशाला स्थापित होगी। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री कार्यवाही को आगे बढ़ाएं। उन्होंने जांच क्षमता में वृद्धि के निर्देश देते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में पूल टेस्टिंग को अपनाया जाए। 10-10 के भी पूल टेस्ट कराए जाएं, जिससे अधिक संख्या में जांच हो सके।

उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा अनुमोदित टेस्टिंग लैब ही कोविड-19 के संक्रमण की जांच कर सकती है। उन्होंने निर्देश दिए कि आईसीएमआर की अनुमति के बगैर कोविड-19 की जांच करने पर टेस्टिंग लैब के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सहयोग प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग एक वरिष्ठ अधिकारी को भेजने की व्यवस्था करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस एवं परिवहन विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें।

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