योग दर्शन में आधुनिक जीवन की सभी समस्याओं से लड़ने की क्षमता : उपराष्ट्रपति

योग दर्शन में आधुनिक जीवन की सभी समस्याओं से लड़ने की क्षमता : उपराष्ट्रपति

मुंबई। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि योग दर्शन में आधुनिक जीवन की सभी समस्याओं से ल़डने की क्षमता है और परिश्रम, ज्ञान तथा समर्पण के साथ जो किया जाता है उसके परिणाम असाधारण होते ही हैं। नायडू ने मुंबई में योग संस्थान के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि योग समग्ररूप से हमें स्वस्थ बनाता है। इससे मानसिक संतुलन मजबूत होता है तथा शांति एवं एकाग्रता को ब़ढावा मिलता है। महर्षि पतंजलि ने पहली बार योग विद्या को सबके सामने रखा था और कहा था कि इससे मनुष्य का शरीर बलिष्ठ होता है एवं मानसिक शक्ति ब़ढती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि योग के जरिये शांत भाव से खुद पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इस संबंध में उन्होंने विशेष रूप से अष्ठायोग का उल्लेख किया और कहा कि इससे मनुष्य भीतर से मजबूत होता है। योग दर्शन लोगों में अहिंसा और सच्चाई का भाव ब़ढाता है तथा लोभ एवं लालच से दूरी बनाने में मदद करता है। नायडू ने कहा कि आज योग को विश्व में सभी जगह स्वीकार किया जा रहा है। कई देशों में योगाभ्यास किया जा रहा है और निरंतर इसे ब़ढावा मिल रहा है। उन्होंने कहा, यह सब हमारी उस अनुभूति के कारण संभव हुआ, जिसमें महसूस किया गया कि भारत के इस प्राचीन ज्ञान का लाभ खुद लेने के साथ ही दुनिया में भी बांटा जा सकता है और विश्व समुदाय को इसके जरिये स्वस्थ रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि वर्ष २०१४ में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने २१ जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया और तब से इस संकल्प को हर साल लोकप्रियता मिल रही है और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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