नई दिल्ली/भाषाराष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को उस याचिका पर केंद्र तथा अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जिसमें पोलावरम बांध में एक दीवार के निर्माण की वजह से गोदावरी नदी में न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह में बाधा उत्पन्न होने का आरोप लगाया गया है। एनजीटी के कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने पोलावरम परियोजना प्राधिकरण, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, अंतर मंत्री निगरानी समिति, केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य संस्थान, आंध्र प्रदेश, पश्चिमी गोदावरी के जिला कलेक्टर और अन्य को नोटिस जारी किया तथा ३१ जुलाई से पहले जवाब मांगा।अधिकरण ने हाल में सभी राज्यों से अपनी-अपनी नदियों में पानी की कमी वाले मौसम में औसतन १५ से २० प्रतिशत न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह बरकरार रखने को कहा था। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रज्ञा पारिजात सिंह ने पीठ को बताया कि संबंधित दीवार के निर्माण की वजह से नदी के पर्यावरणीय प्रवाह में अवरोध उत्पन्न हो रहा है।उन्होंने कहा कि इस तरह की दीवारों के निर्माण से नदी में जलीय जीवों और पोलावरम में तथा इसके आसपास नदी पर निर्भर आठ हजार मछुआरों की आजीविका पर गंभीर प्रभाव प़डेगा।वकील ने कहा, पानी सूख रहा है और आजीविका की कमी की वजह से हजारों मछुआरे प्रभावित हो रहे हैं। इतना ही नहीं, जलीय जीवन के प्रभावित होने से पारिस्थितिकी संतुलन भी बिग़ड रहा है। अधिकरण आंध्र प्रदेश निवासी पोथाबथुआला नागेश्वर राव की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिन्होंने पोलावरम बांध स्थल पर गोदावरी नदी में न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह बरकरार रखे जाने तथा मछुआरों के लिए मछली पक़डने का काम जारी रखने संबंधी निर्देश दिए जाने का आग्रह किया है। याचिका में पर्यावरणीय मंजूरी का कथित उल्लंघन करने को लेकर परियोजना प्रस्तावक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का भी आग्रह किया गया है।