राहुल और पादरी की मुलाकात पर बढ़ा घमासान, भाजपा नेता बोलीं- माफी मांगें

राहुल और पादरी की मुलाकात पर बढ़ा घमासान, भाजपा नेता बोलीं- माफी मांगें

पादरी पर ‘हिंदू विरोधी, राष्ट्र विरोधी’ होने का आरोप भी लगाया


कोयंबटूर/दक्षिण भारत। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला मोर्चा अध्यक्ष वनति श्रीनिवासन ने राहुल गांधी के एक वायरल वीडियो की आलोचना की, जिसमें वे कन्याकुमारी में एक पादरी से मुलाकात करते नजर आ रहे हैं। श्रीनिवासन ने कहा कि राहुल को इस घटनाक्रम पर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने पादरी पर ‘हिंदू विरोधी, राष्ट्र विरोधी’ होने का आरोप भी लगाया।

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श्रीनिवासन ने राहुल गांधी पर सवाल दागते हुए पूछा कि उन्हें राष्ट्र के लोगों को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि क्या वे हिंदुओं और भारत माता के बारे में जॉर्ज पोन्नैया के विचार का समर्थन करते हैं।

उन्होंने राहुल और पादरी के बीच हुई बातचीत को सार्वजनिक करने की मांग की।

‘हिंदू धर्म स्थलों का दौरा करने के लिए समय नहीं’
श्रीनिवासन ने तंज करते हुए कहा कि वायनाड सांसद के पास राज्य में हिंदू धर्म स्थलों का दौरा करने के लिए समय नहीं है, लेकिन उन्होंने पोन्नैया से मिलने का फैसला किया।

पूनावाला भी कर चुके आलोचना
बता दें कि इससे पहले, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला भी राहुल गांधी की आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर राहुल का वीडियो पोस्ट करते हुए कहा था, ‘जॉर्ज पोन्नैया जिनसे राहुल गांधी की मुलाकात हुई, कहते हैं, शक्ति (और अन्य देवताओं) के विपरीत यीशु ही एकमात्र भगवान हैं।’

हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा की ‘नफरत फैक्टरी’ राहुल गांधी के बारे में ट्वीट कर रही है, जिनका ऑडियो से कोई संबंध नहीं है।

राहुल गांधी ने 7 सितंबर को कन्याकुमारी से 3,570 किलोमीटर की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की थी। पैदल मार्च के दौरान उन्होंने पादरी और अन्य लोगों से मुलाकात की थी।

पोन्नैया का विवादों से पुराना नाता
जॉर्ज पोन्नैया पहले भी विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने जुलाई 2021 में एक भाषण में हिंदू धर्म की मान्यताओं, प्रधानमंत्री मोदी और भारत माता के बारे में विवादित शब्द बोले थे, जिसके बाद उनके खिलाफ तमिलनाडु के कई जिलों में एफआईआर दर्ज हुई थीं।

हालांकि बाद में पोन्नैया ने सार्वजनिक माफी भी मांगी और एफआईआर रद्द कराने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। वहां न्यायाधीश ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई थी।

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