नई दिल्ली समेत इन स्टेशनों के पुनर्विकास प्रस्ताव को मंजूरी, गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि बढ़ी

नई दिल्ली समेत इन स्टेशनों के पुनर्विकास प्रस्ताव को मंजूरी, गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि बढ़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई


नई दिल्ली/दक्षिण भारत/भाषा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दस हजार करोड़ रुपए की लागत से नई दिल्ली, अहमदाबाद और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस-मुंबई रेल स्टेशनों के पुनर्विकास के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी।

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि रेल के साथ प्रधानमंत्री का भावनात्मक जुड़ाव है और सरकार ने सुरक्षा, यात्री सुविधा, तकनीक सहित रेलवे के हर आयाम पर ध्यान दिया है।

उन्होंने बताया कि इसी दिशा में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास को लेकर मंत्रिमंडल ने एक बड़ा निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया कि नई दिल्ली, अहमदाबाद और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस-मुंबई रेल स्टेशनों के पुनर्विकास के लिये दस हजार करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

सरकारी बयान के अनुसार, इन स्टेशनों के विकास से 35,744 नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे, दैनिक यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा तथा निवेश एवं अतिरिक्त कारोबारी अवसर के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी ।

रेल मंत्री ने बताया कि देश में 199 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के प्रस्ताव पर काम चल रहा है। इनमें से 47 स्टेशनों के काम के लिए निविदा जारी की गई है और 32 पर काम चालू भी हुआ है।

उन्होंने कहा कि अब नयी दिल्ली, अहमदाबाद और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस-मुंबई स्टेशनों के विकास के लिए आज दस हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी दी गई।

वैष्णव ने बताया कि इसके तहत इन स्टेशनों पर ‘रूफ प्लाजा’ बनाया जायेगा जहां फूड कोर्ट, छोटे बच्चों के खेलने के लिए छोटी-सी जगह, स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए एक स्थान आदि होगा। यहां सफाई पर खास ध्यान दिया जायेगा तथा दिव्यांगों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जायेगा ।

गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए ऐलान
सरकार ने गरीबों को मुफ्त अनाज देने की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि तीन माह यानी दिसंबर, 2022 तक बढ़ा दी है। इस पर 44,700 करोड़ रुपए की लागत आएगी।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में योजना तीन महीने बढ़ाने का निर्णय किया गया।

उन्होंने कहा कि योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों को पांच किलो गेहूं और चावल हर महीने दिया जाता है। यह योजना शुक्रवार 30 सितंबर को समाप्त हो रही थी। इसे तीन महीने यानी अक्टूबर से दिसंबर, 2022 तक के लिये बढ़ाया गया है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘ऐसे समय में जब दुनिया कोविड महामारी और अन्य कारणों से उत्पन्न विभिन्न समस्याओं से जूझ रही है, भारत ने आम लोगों के लिये चीजें सुलभ रखने को लेकर आवश्यक कदम उठाते हुए कमजोर वर्गों के लिये खाद्य सुरक्षा को सफलतापूर्वक बनाए रखा है।’

इसमें कहा गया है, ‘महामारी के दौरान लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। इसको देखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) तीन महीने के लिये बढ़ाने का फैसला किया है ताकि गरीब और समाज के वंचित तबके को त्योहारों के दौरान मदद मिले और कोई समस्या नहीं हो।’

योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले सभी लाभार्थियों को हर महीने पांच किलो अनाज प्रति व्यक्ति दिया जाता है।

ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पीएमजीकेएवाई के अप्रैल, 2020 में शुरू होने के बाद अबतक इसपर 3.45 लाख करोड़ रुपये खर्च किये हैं।

उन्होंने कहा कि योजना को तीन महीने के लिये बढ़ाये जाने से अतिरिक्त 44,762 करोड़ रुपये खर्च होने से इस पर कुल व्यय लगभग 3.91 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।

ठाकुर ने कहा कि एक अक्टूबर से तीन महीने के दौरान गरीबों को 122 लाख टन खाद्यान्न मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा।

कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित गरीबों को राहत देने के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अप्रैल, 2020 में लाई गई थी।

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